बुंदेलखंड में नरेंद्र मोदी के भाषण की 20 बड़ी बाते

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झांसी में कहा कि वह रोने और आंसू बहाने के लिए यहां नहीं आएं हैं। वह गरीबों व किसानों के आंसू पोंछने का संकल्प लेकर आए हैं। मोदी ने रैली में जनता से पूछा कि क्या बुंदेलखंड के लोगों के अंदर विकास करने का दम नहीं है? इसका स्वयं ही जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि यहां के किसानों में तो दम है, लेकिन लखनऊ और दिल्ली की सरकारों में दम नहीं है।

1. ये मेरा सौभाग्य है कि मैं इस वीर भूमि पर आया हूं। मैं यहां रोने धोने के लिए नहीं आया हूं न आंसू बहाने आया हूं। ना मैं आंसू बहाने वालों की कथा सुनाने आया हूं। मैं आपके आंसू पोछने आया हूं।

2. क्या बुंदेलखंड का विकास नहीं हो सकता है। क्या यहां के किसानों में दम नहीं है। विदर्भ और यहां पर ही किसान सबसे ज्यादा किसान आत्महत्या क्यों करते हैं। इसका कारण यह है कि कांग्रेस की सरकार को गांव, गरीब और किसान की परवाह नहीं है।

3. जब चुनाव आते हैं तो हमारे कांग्रेस के मित्र रेवड़ी बांटते हैं। जहां जाते हैं पैकेजों की बात करते हैं। लेकिन ये पैकेज आम आदमी के लिए नहीं थे। दिल्ली औऱ लखनऊ ने मिलकर सरकार के उस खजाने को बांट लिया।

4. बुंदेलखंड में कुआं खोदने की बात हुई थी, पेड़ लगाने की बात हुई थी। बांध बनाने की बात हुई थी। कही कुछ नहीं हुआ।

5. बुंदेलखंड को पैकेज आधा यूपी और आधा एमपी के हिस्से आया। गर्व मैं कहता हूं कि शिवराज जी के पास बुंदेलखंड का पैसा आया तो उन्होंने पाई-पाई खर्च किया। उस इलाके में पहले जो फसल होती थी, उससे 3 गुना फसल शिवराज जी ने ऊपजा कर दिखाई। ये बात मैं नहीं, प्लानिंग कमीशन कहता है।

5. अब समय आ गया है कि सपा, बसपा और कांग्रेस को पैकिंग करके रवाना कर दो। सबका लूटते हैं, सपा का स, बसपा का ब और कांग्रेस का का। ये तीनों सबका लूटते हैं। इन तीनों ने पूरे बुंदेलखंड को लूट लिया है।

6. सपा आज जो-जो कारनामे करती है। लोहिया जी जहां भी होंगे उनको इतनी पीड़ा होती होगी कि इसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

7. सपा का अहंकार वाद है, कांग्रेस का परिवारवाद है, बसपा का व्यक्तितवाद है। ये वादों की पार्टी है। ये आपका पेट सिर्फ वादों से भरते हैं।

8. मैं अपने अनुभव से आपको विश्वास दिलाता हूं। मैंने जो काम किया है उसका विश्वास दिलाता हूं। मैं कहता हूं कि मेरे देशवासियों कांग्रेस को 60 साल दिए। हमें 60 महीने देकर देखो। जो विनाश उन्होंने 60 सालों में किया हम 60 महीनों में देश की तकदीर बदल देंगे।

9. मैं गर्व से कहता हूं कि बिहार, यूपी के लोग इतना पसीना बहाया है कि उनके पसीने से गुजरात चमक उठा। अगर उतना काम यूपी में होता तो ये राज्य कहां से कहां पहुंच गया होता।

10. कांग्रेस के शहजादे माताओं-बहनों पर बलात्कार, महंगाई पर जवाब देने को तैयार नहीं हैं। जनता को जवाब देना चाहिए।

11. शहजादे ने भाषण दिया। जब मेरी दादी मर गई, मुझे बहुत गुस्सा आय़ा। मेरा ये सवाल है कि क्या सभी कांग्रेसियों को गुस्सा आय़ा था। आपने और आपकी पार्टी ने हजारों सिखों को मौत के घाट उतार दिया था। आज तक किसी को सजा नहीं हुई। लेकिन क्या हजारों सिखों को मारने के बाद क्या आपको गुस्सा आया था।

12. क्या इंटेलिजेंस के लोग इस तरह की गुप्तता की बात उससे शेयर कैसे करत हैं जिससे कोई शपथ नहीं ली है। क्यों हिंदुस्तान की इंटेलिजेंस शाहजादे को क्यों रिपोर्ट करत हैं। उन्होंने बताया कि मुजफ्फरनगर में आईएसआई मुस्लिम युवकों पर नजर रखी हुई है।

13. शहजादे जी, केंद्र में आपकी सरकार है, आपके सहयोगी की सरकार राज्य में हैं। आप क्या कर रहे हो। मैं देश से आह्वान करता हूं। आपने उस दंगों के कारण जो पीड़ित नौजवान रिलीफ कैंप में रह रहे हैं उनपर आरोप लगाया है कि वो लोग आईएसआई से मिले हुए हैं। आपसे अनुरोध हैं उनका नाम बताओ। वो कौन हैं जो ISI से जुड़े हुए हैं। अगर नहीं तो आपको ये कहने का कोई हक नहीं कि एक कौम के युवकों को इस तरह बोले। नाम घोषित करो नहीं तो माफी मांगों।

14. गरीबी का मजाक बना रहे हैं। कभी-कभी राजपरिवार के वारिसों को उनके पिता खंडहर दिखाने ले जाते हैं। गरीब की झोपड़ी में देखन जाते हैं। आपके बुंदेलखंड में आए थे, राशन कार्ड ले गए।

15. शहजादे नारा बोलते हैं पूरी रोटी खाएंगे। आधी रोटी से पूरी रोटी में 60 साल लग गए। क्या पूरे पेट भर रोटी के लिए 100 साल लगाएंगे। गरीबों का मजाक बनाते हैं।

16. क्या 26 रुपये में एक परिवार का गुजारा हो सकता है। पीएम के प्लानिंग कमीशन का कहना है कि अगर आप 26 रुपये से ज्यादा कमाते हो तो आप गरीब नहीं हैं। इनकी मानसिक गरीबी देखो।

17. इस देश में सबको संकल्प लेना चाहिए कांग्रेस मुक्त भारत, सपा मुक्त भारत, बसपा मुक्त भारत। सबका लूट को जब तक नहीं हटाया जाएगा तब तक कुछ नहीं होगा।

18. लक्ष्मी बाई ने कहा था कि मेरी झांसी नहीं दूंगी, लक्ष्मी कहां पर विराजित होती हैं। कमल पर विराजित होती हैं। मैं कहता हूं बेइमानों को नहीं देंगे। देश नहीं देंगे नहीं देंगे।

19. बीजेपी ने पिछड़े परिवार के लड़के को देश का प्रधानमंत्री घोषित किया है। गरीबी में जिंदगी जिया है। ट्रेन में चाय बेचा करता था।

20. मैं कहता हूं कि आप मुझे पीएम नहीं बनाइए, मुझे चौकीदार बनाइए। दिल्ली में चौकीदार बनूंगा। ऐसा चौकीदार बनूंगा जो देश के खजाने पर किसी पंजे नहीं पड़ने देगा।

‘दिल्ली सल्तनत के शाहजादे’ राहुल को ‘रेलवे के डिब्बे में चाय बांटने वाले गरीब’ मोदी ने घेरा

बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी शुक्रवार की झांसी रैली में पूरी तैयारी के साथ आए. राहुल गांधी को उन्होंने चुनचुनकर धोया और इसके लिए राहुल की ही तकरीर से संदर्भ उठाए. बाप दादाओं की विरासत पर कहा कि ये सब जो पराक्रम दिखा गए हैं, उसके निशान देखने राहुल झोंपड़ी में जाते हैं.और जो राहुल गरीबी का जिक्र कर सहानुभूति बटोरना चाहते हैं, मोदी ने उसको गरीबों के स्वाभिमान से जोड़ दिया.उन्होंने चौधरी चरण सिंह के साठ के दशक के अजगर फॉर्मूले की याद दिलाता हुआ एक नया नारा गढ़ा, सबका नाश करो. यहां स माने सपा, ब माने बसपा और का माने कांग्रेस. बहरहाल, पहले देखते हैं कि झांसी में कैसे राहुल को काउंटर किया गया.
बुंदेलखंड को नीचा नहीं दिखाया. उसकी विरासत को याद किया. 1857, झांसी की रानी से लेकर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भी, जिन्हें यहां की जनता दद्दा (बड़ा भाई) कहती थी.फिर राहुल के रुदन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मैं आपके पास रोने धोने नहीं आया हूं. न आंसू बहाने आया हूं. न आंसू बहाने वालों की कोई कथा सुनाने आया हूं. मैं आज आपके यहां आया हूं आपके आंसू पोछने को विश्वास देने के लिए.

यहां से भाषण की टोन सेट हो गई. ये साफ हो गया कि आज मोदी शाहजादे को रडार पर रखेंगे और इस फेर में सपा, बसपा पर हमले कुछ कम होंगे. उन्होंने बार बार किसानों का जिक्र कर पैकेज का सवाल उठाया और आखिरी में पंच मारते हुए कहा कि पैकेज वालों की पैकिंग कर दो.

यहां गौर करने वाली बात है मोदी के शब्द. वह केंद्र सरकार कहने से बचते हैं और दिल्ली की सल्तनत कहते हैं. ये जुमला मध्यकाल के मुगल और उससे भी पहले के मुस्लिम राजघरानों वाले शासन के लिए चलता था. जब हिंदुओं को जजिया कर देना होता था. कई दिक्कतें थीं. अब दूसरे शब्द पर गौर करिए. जैसे राहुल मोदी का नाम नहीं लेते, वैसे ही मोदी भी उन्हें शाहजादे कहते हैं. कभी तेज आवाज में, कभी नाटकीयता भरे उतार चढ़ाव के साथ वाक्य के अंत में.

सल्तनत और शाहजादे की इमोशनल अपील को काउंटर करने के लिए आज मोदी ने वो कहा, जो अब तक पार्टी अध्यक्ष कहते थे. कि मैं रेलवे के डिब्बों में चाय बांटने वाला गरीब परिवार का लड़का.आज देश के पीएम पद के लिए दावेदारी कर रहा है.फिर उन्होंने खुद को यूपी से जोड़ा. संगठन के दिनों को याद किया और मारी हेडलाइंस बनाने वाली लाइन. आपने कांग्रेस को साठ साल दिए, मुझे साठ महीने दीजिए, तकदीर और तस्वीर बदल दूंगा.

आज के भाषण में मोदी समर्थकों के लिए राहत की बात यह थी कि उन्होंने गुजरात गाथा पर ज्यादा जोर नहीं दिया. उन्होंने बुंदेलखंड और यूपी के किसान, नौजवानों की जमीन पर जाकर बात की. अपने एक कारखाना प्रयोग का भी जिक्र किया. जिसके जरिए प्रवासी मजदूर कटाई के टाइम पर बिना नुकसान के अपने गांव लौट सकता है.

मोदी ने राहुल के दादी की मौत वाली बात पर सिखों के नरसंहार का जिक्र किया और मुजफ्फरनगर में आईएसआई के सक्रिय होने पर उन्हें ही घेरे में ला दिया.यहां ऐसा लगा गोया वह मुसलमानों तक संदेश पहुंचाना चाहते हों.क्या ये अजब इत्तफाक है कि आज ही मौलाना कल्बे सादिक ने भी कहा कि मोदी से इतना भी परहेज क्या.

उत्तर प्रदेश जो सत्ता के सवाल का जवाब देता है, सज चुका है. सिलसिले में अभी कांग्रेस और बीजेपी जुड़ी हैं. सपा-बसपा की तैयारी दूसरे ही स्तर पर है. वहां प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं और अब उन्हें बदले जाने का दौर चल रहा है.मगर झांसी की रैली से यह साफ हो गया कि नरेंद्र मोदी इस चुनाव को बीजेपी बनाम कांग्रेस ही रखना चाहते हैं और सपा बसपा का जिक्र बस यूं आता है, गोया वे कोई वोटकटवा हों