सुप्रीम कोर्ट का कांग्रेस को आदेश


भारत के इंजीनियरों खास कर सिविल इंजीनियरों के लिए  बहुत बड़ी खबर, बीजेपी सरकार के नदियों के जोडने की जिस महा परियोजना को कांग्रेस ने लागू करने से  मना कर दिया था, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उसे तुरंत बिना देरी किये चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया.

इससे ये साबित होता है की भारत में बेरोजगारी और गरीबी फैलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की ही बनती है ...क्यों???? इसे पढ़कर जान  जायेंगे.....

१- जब भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी , उस समय सत्ता बीजेपी के पास आयी थी और बीजेपी सरकार ने (१) महामार्गो के विस्तारीकरण, (२) हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा  और (३) भारत की प्रमुख नदियों को आपस में वैज्ञानिक तरीके से जोडने की महायोजना बनाकर विकास का खाका तैयार किया था जिसमे पहली दो परियोजनाओ पर अमल तो बीजेपी ने खुद किया लेकिन तीसरे महायोजना में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट आनी बाकि थी की बीजेपी की सरकार को गिरा दिया गया और मिडिया ने विदेशी पैसे के मदद से बीजेपी को बदनाम कर दिया.

२-नदी को जोडने की यह महापरियोजना ५,००,००० करोड की थी और सरकार ने इसके लिए धन उपलब्ध करने की गारंटी भी दी  थी. इसमे धन की कोई बात ही नहीं थी, इसका अंदाजा इससे लगता है भारत की सरकार ने पिछले वित्तवर्ष में भारत की १२१ करोड जनता के लिए मात्र १,४०,००० करोड की सब्सिडी डी जबकि लुटेरी कंपनियों को हमारे टैक्स का ४, ६०,००० करोड सब्सिडी दे डाली, इसका जबाब लेने वाला कोई नहीं है, भारत की भांड मिडिया तो कांग्रेस और  विदेशी कंपनियों को पहले ही बिक चुकी है.

३-रही बात तकनीक की हमारे पास एल एंड टी जैसी  विश्व की सर्वश्रेष्ठ कम्पनिया  है जो हर प्रकार की इंजीनियरी में माहिर है. सिर्फ राजनैतिक इमानदारी और राष्ट्रवादी  कटिबद्धता की आवश्यकता है. भारत में अब इंजीनियरों की भी कमी नहीं है और हमारे पास आधुनिकतम तकनीकी के साथ साथ विश्वस्तरीय प्रबंधकों की कमी नहीं है, लेकिन हमारी वर्तमान सरकार हमारे टेक्नोक्रेट को पता नहीं क्यों महत्त्व नहीं देती है, टीम लीडर भी चाहिए तो विदेशी ही होना चाहिए, खैर.....

४-भारत सरकार के पैसे इधर उधर के ऐसे मदों में और ऐसे तरीके से खर्च किया जा रहे है, जिससे की आगे आने वाली सरकारे विद्रोह का सामना करने के लिए बाध्य हो जाये और वही लुट का ढर्रा कायम रखने के लिए मजबुर् हो. जैसे सिर्फ मनारेगा और मिड दे मील में ही १,००,००० करोड से ज्यादा का कोष हर साल खर्च हो जा रहा है लेकिन रिजल्ट क्या है, सिर्फ कमाई और लूट...जिससे पूंछो वही इसे बंद करके सीधे माँ बाप के खाते में पैसा डालने के लिए सुझाव देता है... यह देश की किस्मत है...मनारेगा की लूट कितनी हो रही है यह कांग्रेस के दिग्गजों को भी अंदाजा नहीं है...

५- लेकिन भारत के कुछ लाल है जिन्हें भारत की चिंता है जिसमे मुख्यन्यायाधीश कपाडिया जि भी शामिल है और उन्होंने नदी परियोजना को तुरंत चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया है, अब देखना हे की कांग्रेस के पास इसे न लागू करने के क्या क्या तर्क और बाकि हैं, कांग्रेस की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह पार्टी बड़ी सुनियोजित तरीके से समय बरबाद करती है जो यह पिछले ६४ सालो से यही करती आयी है.

६- कांग्रेस  सरकार जहा सरकार के लिए पैसा कमा सकती है वहा उसे लुटा देती है जैसे १,७६,००० करोड और कमा सकते थे २जी में लेकिन उसे फ्री में बेच डाला. परन्तु जो चीजे बढ़िया क्वालिटी का सस्ते में खरीद सकते है वहा जनता का पैसा विदेशी कंपनियों को लुटा डालते है जसे (१)एअर इण्डिया के लिए ५०००० करोड का विमान का सौदा एक ही बार में कर डाला और इसमे २०००० करोड ज्यादा भुगतान हुआ, (२)  सेना के लिए १२६ युद्धक विमानो की निम्न श्रेणी ५२,००० करोड में लेने का सौदा  कर लिया है जिसे स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति ने कह दिया की ये विमान २५ करोड की कीमत के है. ज्ञात हो फ़्रांस के इन विमानों का भारत पहला खरीददार है, (३) इटली से १२ हेलीकाप्टर जिनकी कीमत २०-२५ करोड से ज्यादा नहीं होगी उसके लिए ३५०० करोड भुगतान करके अपना हिस्सा ले लिया गया और अब इटली की सरकार ने उस पर जांच बैठने की बात कही है (४) फ़्रांस की अरेवा कंपनी को १,००,००० करोड का ठेका परमाणु ऊर्जा का ऐसा प्लांट लगाने के लिए दे डाला है जो तकनीक पुर्री दुनिया में कही अपनाई ही नहीं गयी है और ऐसे ही ८ और प्लांट लगाने के फिराक में है, जबकि भारत को सूर्य ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैतापुर -महाराष्ट्र  के इसी प्लांट को रुकवाने वाले किसानो को पुलिस ने गोलियों से भून डाला था. 

७-जहा भारत में पूंजी की कमी का बहाना बनाकर बेरोजगारों की फ़ौज खडी की जा रही है, वही भारत का पूरा पैसा विदेशी कम्पनिया अपने देश में ले जाकर ५ का पचीस वसूल करके अपने लोगो को रोजगार दे रही है, गुस्सा इसी बात की ज्यादा है की १४ घंटे काम करने वाले भारतीय बेरोजगार क्यों है जब की भारत में ही सबसे ज्यादा १२१ करोड ग्राहक भी हैं.

जो भी हो, २०१४ में हमारे भाइयो को एक खुशखबरी और मिलेगी की कांग्रेस सत्ताविहीन होकर समाप्त भी होने जा रही है. बहार हाल हम अब नदियों को जोडने की तैयारी शुरू कर दे, जिससे इस महान देश भारत का और विकास सुनिश्चित किया जा सके.

जय भारत
(अयोध्या से संजय कुमार मौर्य का लेख) 

सुप्रीम कोर्ट का कांग्रेस को आदेश


भारत के इंजीनियरों खास कर सिविल इंजीनियरों के लिए  बहुत बड़ी खबर, बीजेपी सरकार के नदियों के जोडने की जिस महा परियोजना को कांग्रेस ने लागू करने से  मना कर दिया था, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उसे तुरंत बिना देरी किये चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया.

इससे ये साबित होता है की भारत में बेरोजगारी और गरीबी फैलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की ही बनती है ...क्यों???? इसे पढ़कर जान  जायेंगे.....

१- जब भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी , उस समय सत्ता बीजेपी के पास आयी थी और बीजेपी सरकार ने (१) महामार्गो के विस्तारीकरण, (२) हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा  और (३) भारत की प्रमुख नदियों को आपस में वैज्ञानिक तरीके से जोडने की महायोजना बनाकर विकास का खाका तैयार किया था जिसमे पहली दो परियोजनाओ पर अमल तो बीजेपी ने खुद किया लेकिन तीसरे महायोजना में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट आनी बाकि थी की बीजेपी की सरकार को गिरा दिया गया और मिडिया ने विदेशी पैसे के मदद से बीजेपी को बदनाम कर दिया.

२-नदी को जोडने की यह महापरियोजना ५,००,००० करोड की थी और सरकार ने इसके लिए धन उपलब्ध करने की गारंटी भी दी  थी. इसमे धन की कोई बात ही नहीं थी, इसका अंदाजा इससे लगता है भारत की सरकार ने पिछले वित्तवर्ष में भारत की १२१ करोड जनता के लिए मात्र १,४०,००० करोड की सब्सिडी डी जबकि लुटेरी कंपनियों को हमारे टैक्स का ४, ६०,००० करोड सब्सिडी दे डाली, इसका जबाब लेने वाला कोई नहीं है, भारत की भांड मिडिया तो कांग्रेस और  विदेशी कंपनियों को पहले ही बिक चुकी है.

३-रही बात तकनीक की हमारे पास एल एंड टी जैसी  विश्व की सर्वश्रेष्ठ कम्पनिया  है जो हर प्रकार की इंजीनियरी में माहिर है. सिर्फ राजनैतिक इमानदारी और राष्ट्रवादी  कटिबद्धता की आवश्यकता है. भारत में अब इंजीनियरों की भी कमी नहीं है और हमारे पास आधुनिकतम तकनीकी के साथ साथ विश्वस्तरीय प्रबंधकों की कमी नहीं है, लेकिन हमारी वर्तमान सरकार हमारे टेक्नोक्रेट को पता नहीं क्यों महत्त्व नहीं देती है, टीम लीडर भी चाहिए तो विदेशी ही होना चाहिए, खैर.....

४-भारत सरकार के पैसे इधर उधर के ऐसे मदों में और ऐसे तरीके से खर्च किया जा रहे है, जिससे की आगे आने वाली सरकारे विद्रोह का सामना करने के लिए बाध्य हो जाये और वही लुट का ढर्रा कायम रखने के लिए मजबुर् हो. जैसे सिर्फ मनारेगा और मिड दे मील में ही १,००,००० करोड से ज्यादा का कोष हर साल खर्च हो जा रहा है लेकिन रिजल्ट क्या है, सिर्फ कमाई और लूट...जिससे पूंछो वही इसे बंद करके सीधे माँ बाप के खाते में पैसा डालने के लिए सुझाव देता है... यह देश की किस्मत है...मनारेगा की लूट कितनी हो रही है यह कांग्रेस के दिग्गजों को भी अंदाजा नहीं है...

५- लेकिन भारत के कुछ लाल है जिन्हें भारत की चिंता है जिसमे मुख्यन्यायाधीश कपाडिया जि भी शामिल है और उन्होंने नदी परियोजना को तुरंत चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया है, अब देखना हे की कांग्रेस के पास इसे न लागू करने के क्या क्या तर्क और बाकि हैं, कांग्रेस की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह पार्टी बड़ी सुनियोजित तरीके से समय बरबाद करती है जो यह पिछले ६४ सालो से यही करती आयी है.

६- कांग्रेस  सरकार जहा सरकार के लिए पैसा कमा सकती है वहा उसे लुटा देती है जैसे १,७६,००० करोड और कमा सकते थे २जी में लेकिन उसे फ्री में बेच डाला. परन्तु जो चीजे बढ़िया क्वालिटी का सस्ते में खरीद सकते है वहा जनता का पैसा विदेशी कंपनियों को लुटा डालते है जसे (१)एअर इण्डिया के लिए ५०००० करोड का विमान का सौदा एक ही बार में कर डाला और इसमे २०००० करोड ज्यादा भुगतान हुआ, (२)  सेना के लिए १२६ युद्धक विमानो की निम्न श्रेणी ५२,००० करोड में लेने का सौदा  कर लिया है जिसे स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति ने कह दिया की ये विमान २५ करोड की कीमत के है. ज्ञात हो फ़्रांस के इन विमानों का भारत पहला खरीददार है, (३) इटली से १२ हेलीकाप्टर जिनकी कीमत २०-२५ करोड से ज्यादा नहीं होगी उसके लिए ३५०० करोड भुगतान करके अपना हिस्सा ले लिया गया और अब इटली की सरकार ने उस पर जांच बैठने की बात कही है (४) फ़्रांस की अरेवा कंपनी को १,००,००० करोड का ठेका परमाणु ऊर्जा का ऐसा प्लांट लगाने के लिए दे डाला है जो तकनीक पुर्री दुनिया में कही अपनाई ही नहीं गयी है और ऐसे ही ८ और प्लांट लगाने के फिराक में है, जबकि भारत को सूर्य ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैतापुर -महाराष्ट्र  के इसी प्लांट को रुकवाने वाले किसानो को पुलिस ने गोलियों से भून डाला था. 

७-जहा भारत में पूंजी की कमी का बहाना बनाकर बेरोजगारों की फ़ौज खडी की जा रही है, वही भारत का पूरा पैसा विदेशी कम्पनिया अपने देश में ले जाकर ५ का पचीस वसूल करके अपने लोगो को रोजगार दे रही है, गुस्सा इसी बात की ज्यादा है की १४ घंटे काम करने वाले भारतीय बेरोजगार क्यों है जब की भारत में ही सबसे ज्यादा १२१ करोड ग्राहक भी हैं.

जो भी हो, २०१४ में हमारे भाइयो को एक खुशखबरी और मिलेगी की कांग्रेस सत्ताविहीन होकर समाप्त भी होने जा रही है. बहार हाल हम अब नदियों को जोडने की तैयारी शुरू कर दे, जिससे इस महान देश भारत का और विकास सुनिश्चित किया जा सके.

जय भारत
(अयोध्या से संजय कुमार मौर्य का लेख) 

सोनिया गाँधी इतनी रहस्यमय क्यों ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक बार फिर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को निशाने पर लिया है। संघ ने आरोप लगाया है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने सार्वजनिक जीवन को लेकर बहुत अधिक रहस्यात्मक हैं। वह देश की जनता से तमाम तरह की जानकारियां छुपाती आ रही हैं। 

संघ ने आरोप लगाया कि तानाशाही और अलोकतांत्रिक मानसिकता की वजह से सोनिया जनता से अपना धर्म, बीमारी और इनकम टैक्स संबंधी जानकारी छुपाती रही हैं। आरएसएस का कहना है कि उन्होंने गैर-लोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद (एनएसी) जैसे समानांतर सत्ता का केन्द्र बनाया है। 

आरएसएस के हिन्दी और अंग्रेजी में छपने वाले मुखपत्रों 'पांचजन्य' व 'ऑर्गनाइजर' के ताजा अंकों में सोनिया पर ये आरोप लगाए गए हैं। 
पांचजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के जरिए सोनिया साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक जैसे काले कानून का प्रारूप तैयार कराके विधायी प्रक्रिया में असंवैधानिक हस्तक्षेप करने जैसी हिमाकत कर रही हैं। 

इसमें सवाल किया गया है कि क्या देश कांग्रेस की जागीर है जो उसके राजनीतिक हितों, सत्ता स्वार्थों व मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा? उधर ऑर्गनाइज़र के लेख में आरोप लगाया गया है कि सोनिया अपने सार्वजनिक जीवन को लेकर बहुत अधिक रहस्यात्मक हैं। 

इसमें कहा गया है, 'सोनिया गांधी ने पहले अपने धर्म को छिपाया, फिर संबंधियों को छिपाया और अब अपनी बीमारी को। वह लगातार इन सब जानकारियों को देश की जनता से छुपाती आ रही हैं।' 

लेख में कहा गया है कि इस छिपाने और गोपनीयता बरतने की कांग्रेस अध्यक्ष की आदत का सबसे ताजा उदाहरण पिछले दस साल की अपनी इनकम टैक्स की जानकारी देने से इनकार करना है। ऑर्गनाइजर में दावा किया गया है कि सोनिया ने प्रिवेसी और सिक्युरिटी के नाम पर उनके द्वारा पिछले 10 सालों में दिए गए इनकम टैक्स की जानकारी देने से इनकार कर दिया। 

इसमें कहा गया है कि इससे पहले उन्होंने अपने धर्म की जानकारी देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि यह उनका निजी मामला है जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहेंगी। ऑर्गनाइजर ने कहा है कि सभी सरकारी कागजातों और फॉर्मों में यह जानकारी देना जरूरी होने के बावजूद सोनिया इससे बचती आईं। 

संघ ने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी शैक्षिक योग्यता को भी 'अति गोपनीय' बना कर छिपाया हुआ है। हाल ही में उनकी बीमारी और विदेश में इलाज के बारे में लेख में कहा गया है, 'सोनिया जब बीमार हुईं और सरकारी खर्चे पर इलाज के लिए विदेश गईं तो भी 'निजता का सम्मान' किए जाने के नाम पर उन्होंने बीमारी के बारे में देश को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। 

इसमें कहा गया है कि अगर उनके इलाज पर सरकारी पैसा खर्च हुआ है तो देश की जनता को यह जानने का हक है कि इसमें कितना सार्वजनिक धन लगा और क्यों लगा? जनता को यह जानने का भी अधिकार है कि जिस बीमारी का इलाज कराने वह विदेश गईं, क्या उसके इलाज की सुविधा देश में नहीं थी?