यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?


लेबनान मे गृहयुद्ध प्रभावित एरिया का निरीक्षण करता ओबैसी

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?

मित्रों, इजराइली ख़ुफ़िया एजेन्सी मोसाद ने भारत सरकार को कई बार पत्र लिखकर कहा है कि आपका सांसद जो आपकी सरकार को समर्थन दे रहा है वो इजरायल मे आतंकवाद फैला रहा है और साथ ही भारत के गरीब मुस्लिम युवको का ब्रेनवाश करके उन्हें हमास और हिजबुल्लाह के लिए भर्ती करता है | लेकिन चूँकि भारत की कांग्रेस सरकार को सिर्फ हिंदू ही आतंकवादी नजर आते है इसलिए भारत सरकार ओबैसी को खुलेआम छुट दे दिया है |

मित्रों अभी कुछ दिन पहलेसंसद मे आसाम पर चर्चा के दौरान ओबैसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की उपस्थिति मे कहा कि "यदि भारत सरकार आसाम मे मुसलमानों का चाहे वो प्रवासी क्यों न हो ठीक ढंग से पुनर्वास नही करती और उन्हें उचित मुवावजा नही देती तो फिर भारत का मुसलमान इस देश की ईंट से ईंट बजा देंगे" लेकिन किसी भी कांग्रेसी सांसद ने ओबैसी के इस बयान की निंदा नही की | और तो और मीडिया ने भी इसको ब्रेकिंग न्यूज़ नही बताया सिर्फ टाइम्स नाउ ने ही इस खबर पर चर्चा की |

सबसे बड़ी चौकने वाला खुलासा ये है कि ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट राहुल गाँधी की सिपारिश पर मिला था जबकि खुद आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेस की ही सरकार की ख़ुफ़िया पुलिस ने ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट न देने की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जब राहुल गाँधी ने इस मामले मे हस्तक्षेप किया जब जाकर विदेश मंत्रालय ने ओबैसी को बिना किसी योग्यता और अहर्ता के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट इस्शु कर दिया |

मित्रों, साधारण  पासपोर्ट का कलर नीला होता है बल्कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का कलर मैरून होता है और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले व्यक्ति की किसी भी हवाईअड्डे पर तलाशी नही होती और इन्हें "वीजा आन अराइवल" की भी सुविधा होती है और ये पासपोर्ट केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केबिनेट स्तर के मंत्री और राज्यों मे मुख्यमन्त्रियो और राजदूत तथा दूतावास मे सचिव स्तर के अधिकारियों  को ही इस्शु हो सकता है | 


मित्रों, हिजबुल्लाह आज विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ते वाला आतंकवादी संगठन है जो छोटे छोटे बच्चो को अपने आत्मघाती दस्ते मे भर्ती करता है | लेबनान पहले धर्मनिरपेक्ष देश था और वहाँ ४% हिंदू और १०% यहूदी  भी रहते थे | लेबनान जहां पहले ८०% ईसाई तथा अन्य धर्म और २०% मुस्लिम रहते थे और लेबनान विश्व का बहुत तेजी से तरक्की करता हुआ मुल्क था | और इसकी राजधानी बेरुत को विश्व का गोल्ड केपिटल कहा जाता था क्योकि बेरुत विश्व की सबसे बड़ी सोने की मण्डी थी | इतना ही नही खूबसूरत लेबनान मे कई हालीवुड और बोलिउड की फिल्मो की शूटिंग होती थी | रामानंद सागर ने सत्तर के दशक मे धर्मेन्द्र और माला सिन्हा को लेकर एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम "आखें' उस फिल्म की 80% शूटिंग बेरुत मे हुई थी और कई गाने जैसे "मिलती है जिंदगी मे मोहब्बत कभी कभी" की शूटिंग भी बेरुत मे ही हुई |



लेकिन लेबनान की तरक्की और खुशहाली पर लेबनान  के मुस्लिम लीडरो ने ग्रहण लगा दिया |मस्जिदों मे और अपने सम्मेलनों के मुसलमानों को खूब बच्चे पैदा करके लेबनान पर क्ब्ज्जा करने की बाते करते थे | फिर धीरे धीरे लेबनान का जनसंख्या का संतुलन बिगड गया और फिर लेबनान 25 सालो से गृहयुद्ध की चपेट मे आ गया | आज लेबनान के दो हिस्से है उत्तरी लेबनान जिसमे ईसाई और अन्य धर्मो के लोग रहते है और दक्षिण लेबनान जहां मुस्लिम रहते है उसी तरह राजधानी बेरुत का भी दो अघोषित हिस्सा है जहां एक तरह ईसाई और दूसरी तरफ मुस्लिम रहते है |


मित्रों, जब भी कोई सांसद विदेश यात्रा करता है तो उसे लोकसभा अध्यक्ष की लिखित अनुमति लेनी पडती है भले ही वो उसकी निजी यात्रा ही क्यों न हो | एक आरटीआई के जबाब मे मीरा कुमार ने पहले बताया कि उनके पास ऐसी कोई फ़ाइल नही आई जिसमे ओबैसी ने लेबनान और सीरिया के यात्रा की अनुमति मांगी हो |


अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतना घोर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाला ओबैसी को कांग्रेस साम्प्रदायिक क्यों नही मानती ? 


मित्रों, कांग्रेस की नजर मे  सिर्फ भारत के हिंदू ही साम्प्रदायिक है | अगर कोई भारत मे हिंदू हित की बात करेगा तो वो घोर साम्प्रदायिक और राजनितिक रूप से अछूत बन जायेगा | पूरी मीडिया और कांग्रेस सहित कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाली छोटी पार्टियां सब उसको साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे | लेकिन यदि कोई सिर्फ मुस्लिम हित की ही बात करेगा तो वो धर्मनिरपेक्ष माना जायेगा | यहाँ मैंने "सिर्फ" इसलिए लिखा है क्योकि ओबैसी ने आजतक संसद मे सिर्फ मुस्लिम हित और मुस्लीमों के बारे मे ही मुद्दे उठाये है और सिर्फ मुस्लिम लोगो की ही मदद करते है यहाँ तक आसाम मे भी जो उन्होंने रिलीफ कैम्प लगाया उसके उपर लिख दिया " only for muslims" इन्होने सानिया मिर्जा को कई बार सम्मानित किया लेकिन जब एक पत्रकार ने इसने पूछा कि आप सानिया नेहवाल को कब सम्मानित करेंगे तो ये माइक फेक दिये |

मित्रों, आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही आईबी हैदराबाद मे भडके कई दंगो के लिए ओबैसी बंधुओ को जिम्मेदार बताती है यहाँ तक की केन्द्र की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी कई बार गृहमंत्रालय को ओबैसी के संदिग्ध गतिबिधियों के बारे मे चेतावनी दी है | लेकिन सब बेकार |

सोचिये क्या राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी नरेंद्र मोदी या तोगड़िया या अशोक सिंघल जी के साथ फोटो खिचवा सकते है ? नही क्योकि ये लोग तो हिन्दुवादी है और भारत मे हिन्दुवादी होना सबसे बड़ा अपराध है |


लेकिन वहीराहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ओबैसी के साथ कई कई घंटो तक बैठते है और उसके साथ फोटो खिचवाते है | क्योकि सोनिया ने जो काला कानून "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल" बनाया था उसके अनुसार तोसिर्फ हिंदू ही दंगाई होते है, हिंदू हिंसक होते है और हर बार सिर्फ हिंदू ही पहले दंगे भड़काते है |


मित्रों, सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत की मीडिया और कांग्रेस की हिन्दुओ के बारे मे इस दोगली मानसिकता का जिम्मेदार कौन है ? 

मित्रों, इसके जिम्मेदार हम सब हिंदू  खुद ही है | ये हम हिंदू ही है जो सब कुछ जानते समझते हुए भी जतिपति और दूसरे छोटे छोटे मुद्दों और कांग्रेस के द्वारा दिये गए झूठे लालचो और प्रलोभनों के बहकावे मे आकर इस कांग्रेस को वोट देकर इसे मजबूत करते है | हिंदू मित्रों, अपने बारे मे तो नही कम से कम पचास साल बाद आने वाली अपनी हिंदू पीढियों के बारे मे सोचो | जो हाल पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत मे कश्मीर, केरल और आसाम मे हिन्दुओ के साथ हुआ है और जो आज हिंदू इन जगहों पर पर अत्याचार झेल रहे है वही आज के पचास सालो के बाद पूरे भारत मे झेलेंगे |

           

                     जय हिंद !!! जय भारत !!! वन्देमातरम !!

आयुर्वेदिक दोहे (कृपया आप लोग इसे कॉपी करके कही रख ले ताकि आगे काम आये )

1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। 
दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।

2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल।
मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।

3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम।
खायें उसे उबाल कर, उल्टी से आराम।।

4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम।
सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।

5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय।
बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।।

6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार।
सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।

7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय।
दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।

8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल।
खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।

9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय।
चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।

10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम।
तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।।

11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय।
पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।।

12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय।
पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।

13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम।
दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।

14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ।
चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।

15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम।
लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।

16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय।
गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।

17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय।
इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।

18.दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय।
सुबह-शाम जल डाल कम, पी मुँह बदबू जाय।।

19. चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय।
बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि लगाय।।

20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय।
तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट जाय।।

21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग।
दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी रोग।।

22. ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम।
पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का आराम।।

23.बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय।
मींगी पीस कपास की, फौरन जले लगाय।।

24.रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव।
जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव।।

25.नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम।
गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम।।

26.दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात।
रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात।।

27.मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम।
पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम।।

28.हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय,
पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥

29.सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै॥

सुप्रीम कोर्ट का कांग्रेस को आदेश


भारत के इंजीनियरों खास कर सिविल इंजीनियरों के लिए  बहुत बड़ी खबर, बीजेपी सरकार के नदियों के जोडने की जिस महा परियोजना को कांग्रेस ने लागू करने से  मना कर दिया था, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उसे तुरंत बिना देरी किये चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया.

इससे ये साबित होता है की भारत में बेरोजगारी और गरीबी फैलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की ही बनती है ...क्यों???? इसे पढ़कर जान  जायेंगे.....

१- जब भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी , उस समय सत्ता बीजेपी के पास आयी थी और बीजेपी सरकार ने (१) महामार्गो के विस्तारीकरण, (२) हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा  और (३) भारत की प्रमुख नदियों को आपस में वैज्ञानिक तरीके से जोडने की महायोजना बनाकर विकास का खाका तैयार किया था जिसमे पहली दो परियोजनाओ पर अमल तो बीजेपी ने खुद किया लेकिन तीसरे महायोजना में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट आनी बाकि थी की बीजेपी की सरकार को गिरा दिया गया और मिडिया ने विदेशी पैसे के मदद से बीजेपी को बदनाम कर दिया.

२-नदी को जोडने की यह महापरियोजना ५,००,००० करोड की थी और सरकार ने इसके लिए धन उपलब्ध करने की गारंटी भी दी  थी. इसमे धन की कोई बात ही नहीं थी, इसका अंदाजा इससे लगता है भारत की सरकार ने पिछले वित्तवर्ष में भारत की १२१ करोड जनता के लिए मात्र १,४०,००० करोड की सब्सिडी डी जबकि लुटेरी कंपनियों को हमारे टैक्स का ४, ६०,००० करोड सब्सिडी दे डाली, इसका जबाब लेने वाला कोई नहीं है, भारत की भांड मिडिया तो कांग्रेस और  विदेशी कंपनियों को पहले ही बिक चुकी है.

३-रही बात तकनीक की हमारे पास एल एंड टी जैसी  विश्व की सर्वश्रेष्ठ कम्पनिया  है जो हर प्रकार की इंजीनियरी में माहिर है. सिर्फ राजनैतिक इमानदारी और राष्ट्रवादी  कटिबद्धता की आवश्यकता है. भारत में अब इंजीनियरों की भी कमी नहीं है और हमारे पास आधुनिकतम तकनीकी के साथ साथ विश्वस्तरीय प्रबंधकों की कमी नहीं है, लेकिन हमारी वर्तमान सरकार हमारे टेक्नोक्रेट को पता नहीं क्यों महत्त्व नहीं देती है, टीम लीडर भी चाहिए तो विदेशी ही होना चाहिए, खैर.....

४-भारत सरकार के पैसे इधर उधर के ऐसे मदों में और ऐसे तरीके से खर्च किया जा रहे है, जिससे की आगे आने वाली सरकारे विद्रोह का सामना करने के लिए बाध्य हो जाये और वही लुट का ढर्रा कायम रखने के लिए मजबुर् हो. जैसे सिर्फ मनारेगा और मिड दे मील में ही १,००,००० करोड से ज्यादा का कोष हर साल खर्च हो जा रहा है लेकिन रिजल्ट क्या है, सिर्फ कमाई और लूट...जिससे पूंछो वही इसे बंद करके सीधे माँ बाप के खाते में पैसा डालने के लिए सुझाव देता है... यह देश की किस्मत है...मनारेगा की लूट कितनी हो रही है यह कांग्रेस के दिग्गजों को भी अंदाजा नहीं है...

५- लेकिन भारत के कुछ लाल है जिन्हें भारत की चिंता है जिसमे मुख्यन्यायाधीश कपाडिया जि भी शामिल है और उन्होंने नदी परियोजना को तुरंत चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया है, अब देखना हे की कांग्रेस के पास इसे न लागू करने के क्या क्या तर्क और बाकि हैं, कांग्रेस की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह पार्टी बड़ी सुनियोजित तरीके से समय बरबाद करती है जो यह पिछले ६४ सालो से यही करती आयी है.

६- कांग्रेस  सरकार जहा सरकार के लिए पैसा कमा सकती है वहा उसे लुटा देती है जैसे १,७६,००० करोड और कमा सकते थे २जी में लेकिन उसे फ्री में बेच डाला. परन्तु जो चीजे बढ़िया क्वालिटी का सस्ते में खरीद सकते है वहा जनता का पैसा विदेशी कंपनियों को लुटा डालते है जसे (१)एअर इण्डिया के लिए ५०००० करोड का विमान का सौदा एक ही बार में कर डाला और इसमे २०००० करोड ज्यादा भुगतान हुआ, (२)  सेना के लिए १२६ युद्धक विमानो की निम्न श्रेणी ५२,००० करोड में लेने का सौदा  कर लिया है जिसे स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति ने कह दिया की ये विमान २५ करोड की कीमत के है. ज्ञात हो फ़्रांस के इन विमानों का भारत पहला खरीददार है, (३) इटली से १२ हेलीकाप्टर जिनकी कीमत २०-२५ करोड से ज्यादा नहीं होगी उसके लिए ३५०० करोड भुगतान करके अपना हिस्सा ले लिया गया और अब इटली की सरकार ने उस पर जांच बैठने की बात कही है (४) फ़्रांस की अरेवा कंपनी को १,००,००० करोड का ठेका परमाणु ऊर्जा का ऐसा प्लांट लगाने के लिए दे डाला है जो तकनीक पुर्री दुनिया में कही अपनाई ही नहीं गयी है और ऐसे ही ८ और प्लांट लगाने के फिराक में है, जबकि भारत को सूर्य ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैतापुर -महाराष्ट्र  के इसी प्लांट को रुकवाने वाले किसानो को पुलिस ने गोलियों से भून डाला था. 

७-जहा भारत में पूंजी की कमी का बहाना बनाकर बेरोजगारों की फ़ौज खडी की जा रही है, वही भारत का पूरा पैसा विदेशी कम्पनिया अपने देश में ले जाकर ५ का पचीस वसूल करके अपने लोगो को रोजगार दे रही है, गुस्सा इसी बात की ज्यादा है की १४ घंटे काम करने वाले भारतीय बेरोजगार क्यों है जब की भारत में ही सबसे ज्यादा १२१ करोड ग्राहक भी हैं.

जो भी हो, २०१४ में हमारे भाइयो को एक खुशखबरी और मिलेगी की कांग्रेस सत्ताविहीन होकर समाप्त भी होने जा रही है. बहार हाल हम अब नदियों को जोडने की तैयारी शुरू कर दे, जिससे इस महान देश भारत का और विकास सुनिश्चित किया जा सके.

जय भारत
(अयोध्या से संजय कुमार मौर्य का लेख) 

सुप्रीम कोर्ट का कांग्रेस को आदेश


भारत के इंजीनियरों खास कर सिविल इंजीनियरों के लिए  बहुत बड़ी खबर, बीजेपी सरकार के नदियों के जोडने की जिस महा परियोजना को कांग्रेस ने लागू करने से  मना कर दिया था, भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उसे तुरंत बिना देरी किये चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया.

इससे ये साबित होता है की भारत में बेरोजगारी और गरीबी फैलाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की ही बनती है ...क्यों???? इसे पढ़कर जान  जायेंगे.....

१- जब भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी थी , उस समय सत्ता बीजेपी के पास आयी थी और बीजेपी सरकार ने (१) महामार्गो के विस्तारीकरण, (२) हाऊसिंग प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा  और (३) भारत की प्रमुख नदियों को आपस में वैज्ञानिक तरीके से जोडने की महायोजना बनाकर विकास का खाका तैयार किया था जिसमे पहली दो परियोजनाओ पर अमल तो बीजेपी ने खुद किया लेकिन तीसरे महायोजना में विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट आनी बाकि थी की बीजेपी की सरकार को गिरा दिया गया और मिडिया ने विदेशी पैसे के मदद से बीजेपी को बदनाम कर दिया.

२-नदी को जोडने की यह महापरियोजना ५,००,००० करोड की थी और सरकार ने इसके लिए धन उपलब्ध करने की गारंटी भी दी  थी. इसमे धन की कोई बात ही नहीं थी, इसका अंदाजा इससे लगता है भारत की सरकार ने पिछले वित्तवर्ष में भारत की १२१ करोड जनता के लिए मात्र १,४०,००० करोड की सब्सिडी डी जबकि लुटेरी कंपनियों को हमारे टैक्स का ४, ६०,००० करोड सब्सिडी दे डाली, इसका जबाब लेने वाला कोई नहीं है, भारत की भांड मिडिया तो कांग्रेस और  विदेशी कंपनियों को पहले ही बिक चुकी है.

३-रही बात तकनीक की हमारे पास एल एंड टी जैसी  विश्व की सर्वश्रेष्ठ कम्पनिया  है जो हर प्रकार की इंजीनियरी में माहिर है. सिर्फ राजनैतिक इमानदारी और राष्ट्रवादी  कटिबद्धता की आवश्यकता है. भारत में अब इंजीनियरों की भी कमी नहीं है और हमारे पास आधुनिकतम तकनीकी के साथ साथ विश्वस्तरीय प्रबंधकों की कमी नहीं है, लेकिन हमारी वर्तमान सरकार हमारे टेक्नोक्रेट को पता नहीं क्यों महत्त्व नहीं देती है, टीम लीडर भी चाहिए तो विदेशी ही होना चाहिए, खैर.....

४-भारत सरकार के पैसे इधर उधर के ऐसे मदों में और ऐसे तरीके से खर्च किया जा रहे है, जिससे की आगे आने वाली सरकारे विद्रोह का सामना करने के लिए बाध्य हो जाये और वही लुट का ढर्रा कायम रखने के लिए मजबुर् हो. जैसे सिर्फ मनारेगा और मिड दे मील में ही १,००,००० करोड से ज्यादा का कोष हर साल खर्च हो जा रहा है लेकिन रिजल्ट क्या है, सिर्फ कमाई और लूट...जिससे पूंछो वही इसे बंद करके सीधे माँ बाप के खाते में पैसा डालने के लिए सुझाव देता है... यह देश की किस्मत है...मनारेगा की लूट कितनी हो रही है यह कांग्रेस के दिग्गजों को भी अंदाजा नहीं है...

५- लेकिन भारत के कुछ लाल है जिन्हें भारत की चिंता है जिसमे मुख्यन्यायाधीश कपाडिया जि भी शामिल है और उन्होंने नदी परियोजना को तुरंत चरणबद्ध तरीके से लागू करने का आदेश दे दिया है, अब देखना हे की कांग्रेस के पास इसे न लागू करने के क्या क्या तर्क और बाकि हैं, कांग्रेस की सबसे बड़ी खासियत यह है की यह पार्टी बड़ी सुनियोजित तरीके से समय बरबाद करती है जो यह पिछले ६४ सालो से यही करती आयी है.

६- कांग्रेस  सरकार जहा सरकार के लिए पैसा कमा सकती है वहा उसे लुटा देती है जैसे १,७६,००० करोड और कमा सकते थे २जी में लेकिन उसे फ्री में बेच डाला. परन्तु जो चीजे बढ़िया क्वालिटी का सस्ते में खरीद सकते है वहा जनता का पैसा विदेशी कंपनियों को लुटा डालते है जसे (१)एअर इण्डिया के लिए ५०००० करोड का विमान का सौदा एक ही बार में कर डाला और इसमे २०००० करोड ज्यादा भुगतान हुआ, (२)  सेना के लिए १२६ युद्धक विमानो की निम्न श्रेणी ५२,००० करोड में लेने का सौदा  कर लिया है जिसे स्वयं अमेरिका के राष्ट्रपति ने कह दिया की ये विमान २५ करोड की कीमत के है. ज्ञात हो फ़्रांस के इन विमानों का भारत पहला खरीददार है, (३) इटली से १२ हेलीकाप्टर जिनकी कीमत २०-२५ करोड से ज्यादा नहीं होगी उसके लिए ३५०० करोड भुगतान करके अपना हिस्सा ले लिया गया और अब इटली की सरकार ने उस पर जांच बैठने की बात कही है (४) फ़्रांस की अरेवा कंपनी को १,००,००० करोड का ठेका परमाणु ऊर्जा का ऐसा प्लांट लगाने के लिए दे डाला है जो तकनीक पुर्री दुनिया में कही अपनाई ही नहीं गयी है और ऐसे ही ८ और प्लांट लगाने के फिराक में है, जबकि भारत को सूर्य ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैतापुर -महाराष्ट्र  के इसी प्लांट को रुकवाने वाले किसानो को पुलिस ने गोलियों से भून डाला था. 

७-जहा भारत में पूंजी की कमी का बहाना बनाकर बेरोजगारों की फ़ौज खडी की जा रही है, वही भारत का पूरा पैसा विदेशी कम्पनिया अपने देश में ले जाकर ५ का पचीस वसूल करके अपने लोगो को रोजगार दे रही है, गुस्सा इसी बात की ज्यादा है की १४ घंटे काम करने वाले भारतीय बेरोजगार क्यों है जब की भारत में ही सबसे ज्यादा १२१ करोड ग्राहक भी हैं.

जो भी हो, २०१४ में हमारे भाइयो को एक खुशखबरी और मिलेगी की कांग्रेस सत्ताविहीन होकर समाप्त भी होने जा रही है. बहार हाल हम अब नदियों को जोडने की तैयारी शुरू कर दे, जिससे इस महान देश भारत का और विकास सुनिश्चित किया जा सके.

जय भारत
(अयोध्या से संजय कुमार मौर्य का लेख) 

सोनिया गाँधी इतनी रहस्यमय क्यों ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक बार फिर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को निशाने पर लिया है। संघ ने आरोप लगाया है कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने सार्वजनिक जीवन को लेकर बहुत अधिक रहस्यात्मक हैं। वह देश की जनता से तमाम तरह की जानकारियां छुपाती आ रही हैं। 

संघ ने आरोप लगाया कि तानाशाही और अलोकतांत्रिक मानसिकता की वजह से सोनिया जनता से अपना धर्म, बीमारी और इनकम टैक्स संबंधी जानकारी छुपाती रही हैं। आरएसएस का कहना है कि उन्होंने गैर-लोकतांत्रिक तरीके से राष्ट्रीय सलाहाकार परिषद (एनएसी) जैसे समानांतर सत्ता का केन्द्र बनाया है। 

आरएसएस के हिन्दी और अंग्रेजी में छपने वाले मुखपत्रों 'पांचजन्य' व 'ऑर्गनाइजर' के ताजा अंकों में सोनिया पर ये आरोप लगाए गए हैं। 
पांचजन्य के संपादकीय में कहा गया है कि राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के जरिए सोनिया साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक जैसे काले कानून का प्रारूप तैयार कराके विधायी प्रक्रिया में असंवैधानिक हस्तक्षेप करने जैसी हिमाकत कर रही हैं। 

इसमें सवाल किया गया है कि क्या देश कांग्रेस की जागीर है जो उसके राजनीतिक हितों, सत्ता स्वार्थों व मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा? उधर ऑर्गनाइज़र के लेख में आरोप लगाया गया है कि सोनिया अपने सार्वजनिक जीवन को लेकर बहुत अधिक रहस्यात्मक हैं। 

इसमें कहा गया है, 'सोनिया गांधी ने पहले अपने धर्म को छिपाया, फिर संबंधियों को छिपाया और अब अपनी बीमारी को। वह लगातार इन सब जानकारियों को देश की जनता से छुपाती आ रही हैं।' 

लेख में कहा गया है कि इस छिपाने और गोपनीयता बरतने की कांग्रेस अध्यक्ष की आदत का सबसे ताजा उदाहरण पिछले दस साल की अपनी इनकम टैक्स की जानकारी देने से इनकार करना है। ऑर्गनाइजर में दावा किया गया है कि सोनिया ने प्रिवेसी और सिक्युरिटी के नाम पर उनके द्वारा पिछले 10 सालों में दिए गए इनकम टैक्स की जानकारी देने से इनकार कर दिया। 

इसमें कहा गया है कि इससे पहले उन्होंने अपने धर्म की जानकारी देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि यह उनका निजी मामला है जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहेंगी। ऑर्गनाइजर ने कहा है कि सभी सरकारी कागजातों और फॉर्मों में यह जानकारी देना जरूरी होने के बावजूद सोनिया इससे बचती आईं। 

संघ ने दावा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी शैक्षिक योग्यता को भी 'अति गोपनीय' बना कर छिपाया हुआ है। हाल ही में उनकी बीमारी और विदेश में इलाज के बारे में लेख में कहा गया है, 'सोनिया जब बीमार हुईं और सरकारी खर्चे पर इलाज के लिए विदेश गईं तो भी 'निजता का सम्मान' किए जाने के नाम पर उन्होंने बीमारी के बारे में देश को कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। 

इसमें कहा गया है कि अगर उनके इलाज पर सरकारी पैसा खर्च हुआ है तो देश की जनता को यह जानने का हक है कि इसमें कितना सार्वजनिक धन लगा और क्यों लगा? जनता को यह जानने का भी अधिकार है कि जिस बीमारी का इलाज कराने वह विदेश गईं, क्या उसके इलाज की सुविधा देश में नहीं थी?