क्या आप सेक्युलर है ? Are you a secularist? -2

केरल में विधायक, संसद और मंत्री अल्लाह,यीशु के नाम से सपथ लेते है | अगर हिंदू राम या कृष्ण के नाम से ले तो संबिधान के खिलाफ है ?

अरबी भाषा को प्रमोट करने के लिए सरकार पैसे खर्च कर रही है | लेकिन संस्कृत पर क्यों नही ? क्या अरबी भाषा, संस्कृत के तुलना में अधिक राष्ट्रीय है ?

IMTD Act क़ानूनी अधिकार से असम में बंगलादेशियो को भारत में बसने और नागरिक बनने का अधिकार देता है | तो जम्मू और कश्मीर में शेष भारतीय को बसने का अशिकर क्यों नही ? यह दोगली निति क्या है ?

जम्मू और कश्मीर कि जनसंख्या लगभग एक करोड है जिन्हें २४००० करोड रुपये कि सहायता दी गयी है | यानी कि पर हेड २४००० रुपये | जबकि शेष राज्यों को इनसे ५% कम कि सहायता दी जाती है |क्या यह राष्ट्र विरोशियो के लिए इनाम नही है ?

यदि पेंटिंग करना गैर- इस्लामिक है तो मुसलमानों ने एम् एफ हुसैन के खिलाफ कितने फतवे जारी किये गए थे ? क्या वो गैर- इस्लामिक कार्य नही किया था ?

यदि इस्लाम में गायन, संगीत और नृत्य गैर- इस्लामिक है ( क्योकि इस्लाम एक गंभीर धर्म है ) तो बहुत “खान” फिल्म में अभिनय करते है | इनके खिलाफ फतवा क्यों नही जारी किया गया ?

क्या आप को लगता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश रहेगा यदि मुसलमानों का बहुमत हो जाय तो ?

हॉउस आफ कामंस, आस्ट्रेलिया संसद और ह्वाईट हॉउस आदि में जब दीपावली और जन्माष्टमी मनाया जाता है तो भारत के संसद में क्यों नही मनाया जाता है ? क्या हम संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया कि तुलना में अधिक धर्मनिरपेक्ष है ?

यदि सांप्रदायिक दंगे भारत में आर एस एस, विहिप, बजरंग दल आदि के कारन होता है तो “ पाकिस्तान, तुर्की, अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, चेचन्या, चीन, रूस, ब्रिटेन, स्पेन, साईप्रस आदि में किसकी अजह से दंगे होते है ?” जब कि वहाँ पर आर एस एस / विहिप नही है |

एक पूर्व राष्ट्रपति, दो पूर्व प्रधानमंत्रियों, साधुओ,और संतो द्वारा कांची के संकराचार्य कि गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है | लेकिन मिडिया का कहना है कि “वहाँ बिलकुल कोई विरोध नही हुआ है”| क्या आप को लगता है कि केवल हिन्=हिंसा ही लोगो की [पीड़ा मापने का पैमाना है ?

क्या आप को विश्वास है कि इस्लाम और ईसाईयत को सर्वधर्म समभाव में विश्वास है ? यदि हाँ, तो धर्म रूपांतरण में विश्वास क्यों करते है ?

ईश्वर अल्लाह तेरे नाम – आप मुझे एक मुसलमान दिखाए जो इससे सहमत हो ?

क्या आप को नही लगता है कि “ सेक्युलर मुस्लिम एक मिथ्या नाम है ? एक व्यक्ति या तो सेक्युलर या मुसलमान हो सकता है, दोनों नही ? एक मुस्लिम ( जो केवल अल्लाह में विश्वास करता है) धर्म-निरपेक्ष(कई परमेश्वर में विश्वास) नही हो सकता है |

क्या आप जानते है कि “ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मौलाना वहीदुद्दीन, जब भारतीय सैनिक कारगिल में लड़ रहे थे तो, उनसे सैनिको के लिए प्रार्थना करने को कहा गया तो इंकार कर दिया ? क्योकि भारतीय सैनिक मुसलमानों से लड़ रहे थे ?” ( बाद में सोनिया और प्रियंका ने उसके अंतिम संस्कार में भाग ली थी )

संयुक्त राष्ट्र चार्टर का कहना है कि “ अल्पसंख्यक का मतलब पूरी आबादी का अधिक से अधिक १०% होता है | मुसलमान, जो लगाभाग १८% से ऊपर है को एक अल्पसंख्यक कैसे कहा जा सकता है ?

क्या आप को विश्वास है कि “कम्युनिस्टों को भारत से प्यार है ?”, जब कि वे स्वीकार करने से मना करते है कि १९६२ में चीन भारत पर हमलावर था ?

ये कैसे होता है कि “ एक मुस्लिम परिवार मुख्य रूप से हिंदू इलाके में शांति से रहता है, जबकि एक मुस्लिम बस्ती में एक हिंदू परिवार ऐसा करने में सक्षम नही है ?

मुस्लिम बहुत क्षेत्रो में ईसाई मिशिनारिज क्यों नही सामाजिक सेवाए शुरू कराती है ? क्योकि वहाँ निवेश पर पर्याप्त फल नहीं मिलेगा |

क्या आप जानते है कि “ भारत एक मात्र देश है जो खुले तौर पर बंगलादेश के घुसपैठियों को आमंत्रित किया है | बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सरकारों ने तत्काल उन्हें रासन कार्ड उपलब्ध कराके मतदाता बना दिया |”

दंगे शुक्रवार की नमाज के बाद ही ज्यादातर हुए है ( जैसे मरद, केरल) | क्या यह इमामों के ज्वलंत उपदेशो की वजह से नही है ?

सभी हिंदू बहुल क्षेत्र शांतिपूर्ण है, लेकिन सभी हिंदू अल्पसंख्यक क्षेत्र समस्याग्रस्त है – जम्मू और कश्मीर, उत्तर – पूर्वी भारत आदि | क्या आप इसकी व्याख्या कर सकते है कि ऐसा क्यों ?

एक विधायक, सी. पी. शाजी ने केरल विधानसभा में कहा कि “ वो हाथ काट दिया जायेगा, जो शरियत के एक अक्षर को छुयेगा” | क्या आप इससे सहमत है ?

क्या आप जानते है कि “भारत में अवैध रूप से आये मुस्लिम अप्रवाशी २५ लोकसभा और १२० विधानसभा सीटों के चुनाव में एक निर्णायक कारक बन गए है ? और वे एक विशेष पार्टी के लिए एकजुट हो के मतदान करते है – कंग्रस, राजद, सपा, एमएल, या साम्यवादी |”

एक पाकिस्तानी भारतीय हो सकता है ? जब वह जम्मू और कश्मीर के किसी एक लडकी से शादी कर ले, लेकिन इसके विपरीत जब वही लड़की भारत के किसी भी हिस्से के एक हिंदू से शादी करे तो वह जम्मू और कश्मीर की नागरिक नहीं हो सकते है, जम्मू और कश्मीर कि नागरिकाता खो देती है ? यह किस तरह का कानून है ?

अयोध्या मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने विश्व हिंदू परिषद पूछताछ की लेकिन बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी या आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड से सवाल नही की? क्या यह सुप्रीम कोर्ट का दुहरा मापदंड नही है ?

जब आप नरेन्द्र मोदी जैसे लोगो से तुच्छ आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा मांग रहे है तो आप क्यों नही जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री से इस्तीफा माँगते है ? जहां पर हजारों सैनिक आतंकवादियों द्वारा मार दिए गए है और तो और ४ लाख हिन्दुओ का सफाया कर दिया गया है |

जम्मू और कश्मीर का पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला एक ईसाई से शादी किया और वर्तमान मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला एक हिंदू लडकी से शादी करके आनंदित थे, लेकिन जब उसकी बेटी एक हिंदू लड़के से शादी कर ली तो उसका परित्याग कर दिया गया | क्या यही धर्मनिरपेक्षता का पहचान है ?

कानून के अनुसार “ मानव अंगों को किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में नही लिया जा सकता है” तो कैसे कांग्रेस पार्टी को ‘हाथ’ का प्रतिक आवंटित किया गया है ? यह कानून के खिलाफ नही है ?

दिल्ली इमाम सैयद बुखारी के घोषणा थी कि तालिबान सभी मुसलमानों के लिए आदर्श है और ओसामा बिन लादेन नायक ? क्या आप इस धर्मनिरपेक्षता पर विचार करेंगे ?

जम्मू और कश्मीर के संसदीय चुनाव के लिए २ लाख हिंदू वयस्क मतदाता है | लेकिन विधानसभा के लिए नही ? क्यों ?

जम्मू और कश्मीर विधानसभा की अवधि ६ साल और अन्य राज्यों की ५ साल| क्यों ?

बंगलादेश में हिंदू लड़किया पीटी जाती है, उनके साथ गैंग रैप किया जाता है | प्रतिदिन मंदिरों को जलने या नष्ट करने कि खबरे पढैते होंगे | क्या हमारे धर्मनिरपेक्षतावादी और मानवाधिकारी कार्यकर्ताओ को इनके लिए आवाज़ नही उठानी चाहिए ? क्या सिर्फ मुसलमानों के लिए ही मानवाधिकार है ?

क्या आप जानते है कि “ इस्लाम राष्ट्रवाद और राष्ट्रिय सीमाओ में विश्वास नही करता है | यह पूरी दुनिया को इस्लाम के तहत दारुल हरब से दारुल इस्लाम तक लाना चाहते है ?”

क्यों मुस्लिम मस्जिद और मदरसे में जाते है न कि स्कूल और कालेज में ? क्या मदरसा भी वैज्ञानिक और इंजिनियर तैयार करता है ? ( सेक्युलर नेताओ द्वारा मुसलमानों को अलग से आरक्षण के लिए अपना सर पिटने के सन्दर्भ में )

मुहर्रम जुलूस हिंदू बाहुल्य क्षेत्रो से लाया जारहा है लेकिन हिंदू धार्मिक जुलूस मुस्लिम इलाको से अनुमति नही है क्यों ? क्या यह सम्रदायिक बटवारे को स्थायी नही करता है ?

क्या आपको लगता है कि नेहरू परिवार ही एक परिवार है जो आजादी के लिए लड़े या अन्य स्वतंत्रता सेनानियों क भी थे? जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मदनलाल धींगरा ,वन्शिनाथान, चापेकर ब्रदर्स, वीर सावरकर, राज गुरु, सुभाष चंद्र बोस, उधम सिंह आदि |

मल्लापुरम ( केरल) में , एक डाक्टर ने पाया कि मुस्लिम महिलाओ कि तीन पीढियां बेटी-१३, माँ-२६ और दादी – ३९ सभी गर्भवती है तथा प्रसव के लिए भारती कराया | क्या आप को भी लगता है कि मुसलमानों के लिए परिवार नियोजन अनावश्यक है ?

रामायण के लेखक ऋषि वाल्मीकि एक डाकू थे, उसी तरह महाभारत के लेखक वेड व्यास एक मछुवारे थे | दोनों महाकाव्यो और लेखक हिन्दुओ द्वारा प्रतिष्ठित है | क्या अब भी लगता है कि हिंदू धर्म जातिवाद का समर्थन करता है ?

२००२ में कर्नाटक सरकार मंदिरों द्वारा प्राप्त ७२ करोड रुपयों में से ५० करोड मदरसों को, १० करोड चर्च को, १० करोड मंदिरों को दिया गया | मदरसो (आतंकवादी कारखाना ) और चर्चो के विकास के लिए हिन्दुओ का पैसा क्या देना चाहिए ?

जब अफगानिस्तान में तालिबान, बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया, तो टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि यह बाबरी मस्जिदके विध्वंस की प्रतिक्रिया में था. क्या आप टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा के इस औचित्य से सहमत? जैसे को तैसा के लिए ठीक है? तो फिर तुम क्यों गोधरा कांड की प्रतिक्रिया में गुजरात दंगों की आलोचना करते हो ?

पांडिचेरी में एक मुस्लिम को दफनाने से इनकार कर दिया गया था क्योंकि वह प्रभु मुरुगा के लिए एक मंदिर का निर्माण किया था क्या आप को भी लगता है कि "धर्म एक दूसरे से नफरत नहीं सिखाते हैं"?

१९८९ में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में राजीव गाँधी ने घोषणा की कि “ अगर मिजोरम में कांग्रेस सत्ता में आई तो यहाँ बाईबल के अधर पर शिक्षाए दी जायेगी (?)” यदि यह सांप्रदायिक नही है तो क्या है ?

वर्ल्ड मुस्लिम अल्पसंख्य समुदाय के अध्यक्ष, कुवैत के शेख अल सईद युसूफ सयेद हासिम रिफाई को केरल में बिना वीजा के आने कि अनुमति दी गयी थी और उन्हें गिर्गिराफ्तर नही किया गया बल्कि केरल सर्कार के सरकारी दामाद की तरह खातिरदारी कि गयी और लेजाने लाने के लिए सरकारी कार कि व्यवस्था कि गयी थी | क्या यह राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने वाला कार्य है ?

यदि ब्रिटेन और अमेरिका( एक धर्म निरपेक्ष देश) में एक से अधिक महिला से शादी करने कि अनुमति नही है तो क्या भारत में एक से अधिक औरतो से शादी करने कि अनुमति देनी चाहिए ?

पोप को भारत कि यात्रा को आमंत्रित किया गया था लेकिन नेपाल के राजा महेंद्र को नागपुर में १९६५ में मकरसंक्रांति समारोह में भाग लेने के लिए अनुमति नही दी गयी थी | क्या यही धर्म निरपेक्षता है ?

अशोक और कनिष्क अफगानिस्तान पर शासन किया. कंधारी जो की दुर्योधन की माँ, कंधार से आया है ( अब अफगानिस्तान में )| क्या आप मानते हैं कि अफगानिस्तान एकबार भारत का अभिन्न हिस्सा था?

त्रिपुरा में बैप्टिस्ट चर्च को न्यूजीलैंड से 60 साल पहले मिशनरियों द्वारा स्थापित किया गया था| क्या आपको लगता है कि चर्च राष्ट्रवाद को बढ़ावा देंगे?

पाकिस्तान में छात्रों को शुरू से ही सिखाया जाता है कि हिंदु हमारे दुश्मन हैं, हिंदू से मित्रता कभी नहीं किया जा सकता है काफिरो (हिंदुओं) को मार देना चाहिए. क्या आप को अब भी लगता है कि दोस्ती पाकिस्तान के साथ संभव है?

पाकिस्तान इस्लामी देश है,बायीं-पास सर्जरी या कैंसर के इलाज के लिए भारत आते है | पाकिस्तान कैसा एक देश है जिसके पास परमाणु विकशित करने की क्षमता है लेकिन एक अच्छे अस्पताल कि नही ?इसका मतलब है कि पाकिस्तानी सिर्फ ट्रिगर से खुश है विकास और स्वास्थ्य सीवाओ की कीमत पर |

कम्युनिस्ट नेता स्टालिन की बेटी, स्वेतलाना, दिनेश सिंह के भाई से शादी करने के लिए और भारत में बसने की कामना की| हमारे साम्यवादियों और इंदिरा गांधी ने इस का विरोध किया | वे अब कैसे एक इतालवी महिला का समर्थन करे ?

जब योगा संयुक्त राज्य अमेरिका में एक करोड़ों डॉलर का उद्योग है, हमारी सरकार क्यों अंधी बन गयी है इस तकनीक मानवविकास के लिए ? क्या इसलिए कि यह हिंदू संस्कृति का एक हिस्सा है ?

पूजा में 'संकल्प' "भारत वर्षे , भारत कंडे......... के साथ शुरू होता है ...". ये क्या हैं? क्या आप को अभी भी लगता है कि अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद अलग कर रहे हैं ? ये राष्ट्र की दो आंखें है?

अध्यात्मवाद और राष्ट्रवाद भारत में अविभाज्य हैं.क्या आपको नहीं लगता कि अध्यात्मवाद के बिना भारत बिना आत्मा के एक शरीर की तरह हो जाएगा?

हिंदू धर्म में आप को सुधारको कि संख्या बहुत मिल जायेगी | अन्य धर्मो में क्यों नही पाई जाती है ? क्या इन्हें सुधारने कि जरुरत नही है कि सुधारे हुए है ?

क्या आप सेक्युलर है ? Are you a secularist? -१


१.   -  विश्व में लगभग ५२ मुस्लिम देश है, क्या कोई एक भी मुस्लिम देश है जो हज सब्सिडी देता है ?

२.   -  क्या एक भी मुस्लिम देश है , जहाँ हिन्दुओ का विशेष अधिकार है जैसा मुस्लिमो को भारत में दी जाती है ?

३.    -  एक भी मुस्लिम देश है जिसका राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री गैर मुसलमान हो ?

४.     -  बताए कि किसी एक मुल्ला या मैलावी ने आतंकवादियों के खिलाफ “ फतवे “ घोषित किये हो ?

५.     -  हिंदू बहुल बिहार, महाराष्ट्र केरल, पांडिचेरी आदि के मुख्यमंत्रियों के रूप में मुसलमान निर्वाचित है| क्या कभी एक हिंदू, मुस्लिम बहुल जम्मू और कश्मीर या ईसाई बहुल नागालैंड/मिजोरम के मुख्यमंत्री बनाने कि कल्पना कर सकता है ?

६.    -  मंदिरों के फंड मुसलमानों और ईसाईयों के कल्याण केल्लिये क्यों खर्च किया जाता है ? जब कि वे अपने पैसा मुक्त रूप से कही पर खर्च कर सकते है |

७.     -  क्यों गांधी जी ने खिलाफत आंदोलन (हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के साथ कुछ नहींका समर्थन किया है और क्या वह बदले में मिल गया?

८.    -  क्यों गाँधी जी ने कैबिनेट के निर्णय पर आपत्ति जताई की सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण सार्वजनिक धन से नही किया जायेगा ? जब कि १९४८ में नेहरू और पटेल को सरकारी खर्च पर दिल्ली के मस्जिदों के नवीनीकरण के लिए दबाव बनाया |

९.   - यदि मुसलमान और ईसाई महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि में अल्पसंखयक है तो हिंदू जम्मू और कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, अरुणांचल प्रदेश, मेधालय आदि में क्यों नही अल्पसंख्य है ? हिन्दुओ को इन राज्यों में अल्पसंख्य का अधिकार क्यों नही दिया जाता है ?

१०- घोधरा कांड को आंधी तूफ़ान कि तरह जब नही तब उडाया जाता है | जब कश्मीर से ४ लाख हिन्दुओ का सफाया किया गया | इसकी याद क्यों नही आती है ?

११- १९४७ में, जब भारत का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान में हिन्दुओ कि जनसँख्या २४ % थी \ आज १% के बराबर नही है | पूर्वी पाकिस्तान ( बंगलादेश) में हिन्दुओ कि जनसँख्या ३०% थी, आज लगभग ७% है | लापता हिन्दुओ का क्या हुआ ? क्या हिन्दुओ के लिए मानवाधिकार नही है ?

१२- .  इसके विपरीत, भारत में मुस्लिम जनसँख्या १९५१ में १०.४% थी और आज १८% से ऊपर है | जबकि हिंदू कि जनसँख्या ८७.२०% थी जो २०११ में ८०% रह गयी है | क्या किसी राजनीतिक ने मुसलमानों से परिवार नियोजन के बारे कहा है ?

१.   -  क्या आप समझते है कि – संस्कृत सांप्रदायिक है और उर्दू धर्मनिरपेक्ष है ?, मंदिर सांप्रदायिक है और मस्जिद धर्मनिरपेक्ष है ?, साधू सांप्रदायिक है और इमाम धर्मनिरपेक्ष है ?, भाजपा सांप्रदायिक है और मुस्लिम लीग धर्मनिरपेक्ष है ?, वन्देमातरम सांप्रदायिक है और अल्लाह-हो-अकबर धर्मनिरपेक्ष है ?, श्रीमान सांप्रदायिक है और मियां धर्मनिरपेक्ष है ?, हिंदू सांप्रदायिक है और इस्लाम धर्मनिरपेक्ष है ?, हिंदुत्व सांप्रदायिक है और जिहादवाद धर्मनिरपेक्ष है ? और अंत में, भारत सांप्रदायिक है और इटली धर्मनिरपेक्ष है ?
-

२.    - जब ईसाई और मुस्लिमो के स्कूलों में बाईबल और कुरान सिखाया जाता है तो हिन्दुओ के स्कूलों में गीता और रामायण क्यों नही सिखाया जा सकता है ?

३.    - अब्दुल रहमान अंतुले को प्रसिद्द सिद्धि विनायक मंदिर प्रभादेवी मुम्बई का  ट्रस्टी बनाया गया था | क्या एक हिंदू ( खासकर मुस्लायम या लालू ) कभी मस्जिद या मदरसा के ट्रस्टी बन सकते है ?
४.      - डॉ. प्रवीण तोगडिया को कमजोर आधार पर कई बार गिरफ्तार किया गया है | क्या जमा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी को जो आईएसआई होने का दावा और भारत विभाजन की वकालत करने वाले को कभी गिरफ्तार किया गया है ?

५.  - जब हज यात्रियों को सब्सिडी दी जाती है  तो हिंदू को अमरनाथ और कैलाश मानसरोवर तीर्थ यात्रा के लिए टैक्स क्यों ?

शेष अगले पोस्ट में ....


नेहरू गाँधी प्रधानमंत्री कैसे बने ? Nehru-First prime minister of India



जवाहर लाल नेहरू  हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री कैसे बने ? ( वीडियो देखे , सच्चाई पता चल जायेगा ) शायद हमलोगों में से बहुत लोगो को पता ही नहीं है ?
गाँधी परिवार  आज ही नही, देश के आजादी से लेकर अब तक देश और देश के लोगो के साथ घटिया मजाक करते आये है | भारत को अपने बाप का जागीर समझे पड़े है |
आज देश के हालत क्या है ? किसी से छिपा नहीं है |

स्वामी विवेकानन्द के नजर में इस्लाम ( swami VivekaNand about Islam ) - 3

दूसरे पोस्ट से आगे...
९. किसी मुस्लिम देश में मंदिर बनाना वर्जित – “ ऐसा भारत में ही है कि यहाँ भारतीय ( हिंदू) मुसलमानों, ईसाईयों के लिए पूजा स्थल ( मस्जिद, गिरजाघर) बनवाते है, अन्यत्र कही नही | अगर आप एनी देशो में जाओ और मुसलमानों या एनी मतों के लोगो से कहो कि उन्हें अपने लिए मंदिर बनाने दो तो देखो वे तुम्हारी किस प्रकार मदद करते है, अनुमति देने कि जगह वे तुम्हे और तुम्हारे मंदिर को ही तोड़ डालने कि कोशिश करेंगे, यदि वे ऐसा कर सके |” ( ३:१४४)
१०. भारत में रहने वाले भी हिंदू – “ इसलिए यह शब्द ( हिंदू ) न केवल वास्तविक हिन्दुओ बल्कि मुसलमानों, ईसाईयों, जैनियों और एनी लोगो के लिए भी यही है, जो कि भारत में रहते है |” ( ३:११८ )
११. सैकड़ो वर्षों तक ‘अल्लाह–हो-अकबर’ गूंजता रहा – “बर्बर विदेशी आक्रान्ताओ की एक लहर के बाद दूसरी लहर इस हमारे पवित्र देश पर टकराती रही | वर्षों तक आकाश अल्लाह-हो-अकबर के नारों से गुंजायमान होता रहा और कोई हिंदू नही जानता था कि इसका अंतिम ‌‍‌क्षण कौन सा होगा| विश्व भर के ऐतिहासिक देशो मेसे भारत ने ही सबसे अधिक यातनाये और अपमान सहे है फिर भी हम लगभग उसी एक राष्ट्र के रूप में विद्यमान है और यदि आवश्यक हुआ तो सभी प्रकार कि आपदाओ को बार – बार सामना करने के लिए तैयार है | इतना ही नही, अभी हाल में ऐसे भी संकेत है कि हम ना केवल बलवान  ही है बल्कि बाहर निकालने को तैयार है क्योकि जीवन का अर्थ प्रसार है |” ( ३:३६९-७० )
१२. मुसलमानों को तरह न मानाने पर हत्या - “ अज्ञानी लोग ...... एनी किसी देसरे मनुष्य माकी समस्यायों का अपने स्वतंत्र चिंतन के अनुसार व्याख्या न करने देने को न केवल मना करते है, बल्कि यहाँ तक कहने साहस करते है कि एनी सभी विल्कुल गलत है और केवल वही सही है | यदि ऐसे लोगो का विरोध किया जाता है तो वे लड़ने लगते है और यहाँ तक कहते है कि वे उस आदमी को मार देंगे यदि वह ऐसा विश्वास नही करता है जैसा कि वे स्वयं करते है |” ( ४:५२ )
१३. पैगम्बर व् फरिस्तो कि पूजने में आपत्ति नहीं – “ मुसलमान प्रारंभ से ही मूर्ति पूजा के विरोधी रहे है लेकिनुन्हे पैगम्बरों या उनके सन्देश वाहको को पूजने या उनके प्रति आदर प्रकट करने में कोई आपत्ति नही होती है, बल्कि वास्तविक व्यवहार में एक पैगम्बर कि जगह हजारों ही हजार पीरों कि पूजा की जारही है | “ ( ४:१२१ )
१४. मुसलमान सर्वाधिक संप्रदायवादी –इस ( इस्लाम ) के विषय में आज मुसलमान सबसे अधिक निर्दयी और सम्प्रदायवादी है उनका मुख्य सिध्दांत वाक्य है “ ईश्वर (अल्लाह) एक है और मुहम्मद उसका पैगम्बर है |” इसके अलावा सभी बाते न केवल बुरी है, बल्कि उन्हें फ़ौरन नष्ट कर देना चाहिए | प्रतेक स्त्री और पुरुष, जो इन सिध्दांत को पूरी तरह नही मानता है, उसे क्षण भर के चेतावनी के बाद मार देना चाहिए, प्रतेक वास्तु जो इस प्रकार की पूजा विधि के अनुकूल नहीं है, उसे फ़ौरन नष्ट कर देना चाहिए और प्रतेक पुस्तक जो इसके अलावा क्स्किस और बातों की शिक्षा देती है, उसे जला देना चाहिए | पिछले पांच सौ वर्षों में प्रशांत महासागर से लेकर आंध महासागर तक सारे विश्व में लगातार रक्तपात होता रहा है | यह है मुहम्मद्वाद ! फिर भी इन मुसलमानों में से ही, जहां कही कोई दार्शनिक व्यक्ति हुआ, उसने निश्चय ही इन अत्याचारों कि निंदा कि है |” ( ३ फरवरी १९००, कोपासडेना में दिए गए भाषण से, ४:१२६ )
१५. अल्लाह के लिए लड़ो – “ भारत में विदेशी आक्रान्ताओ की, सैकड़ो वर्षों तक लगातार, एक के बाद एक लहर आती रही और भारत को तोडती और नष्ट भ्रष्ट्र करती रही | यहाँ तलवारे चमकी और ‘ अल्लाह के लिए लड़ो और जीतो “ के नारों से भारत का आकाश जुन्जता रहा | लेकिन ये बाढ़े भारत के आदर्शो को बिना परिवर्तित किये हुए, स्वत: ही धीरे – धीरे समाप्त होती गयी |” ( ४:१५९ )
१६. मूर्ति पूजक हिंदू घृणास्पद – “ मुसलमानों के लिए यहूदी और ईसाई अत्यंत घृणा के पात्र नही है | उनकी नजरो में वे कम से कम ईमान के आदमी तो है | लेकिन ऐसा हिंदू के साथ नही हयाई | उनके अनुसार हिंदू मूर्ति पूजक है व् घृणास्पद ‘ काफ़िर’ है | इसलिए वह इस जीवन में नृशंस हत्या के योग्य है और मरने के बाद उसके लिए शाश्वत नरक तैयार है | मुसलमान सुलतानो ने काफिरो के अध्यात्मिक गुरुओ और पुजारियों के साथ यदि कोई सबसे अधिक कृपा की तो यह कि उन्हें किसी प्रकार अंतिम सांस लेने तक चुपचाप जी लेने के अनुमति दे दी | यह भी कभी कभी बड़ी दयालुता मानी गयी, यदि किसी मुस्लिम सुल्तान का धार्मिक जोश असामान्य या कुछ अधिक होता है तो ‘ काफिरो’ के कत्ले आम रूपी बड़े यग्य का फ़ौरन ही प्रबंध किया जाता है |” (४: ४४६ )
१७. यह कत्ले आम मुसलमान लाए – “ तुम जानते हो कि हिंदू धर्म किसी को यातना नही देता | यह एक ऐसा देश है जहां कि सभी प्रकार के सम्प्रदाय शांति और सौहार्द् के साथ रह सकते है | मुसलमान अपने साथ अत्याचार और कत्ले आम लाये, लेकिन उनके आने से पहले तक यहाँ शांति बनी रहती थी |” ( ५:१९० )
१८. मुसलमानों ने तलवार का सहारा लिया – “ भारत में मुसलमान ही ऐसे पहले लोग थे, जिन्होंने तलवार का सहारा लिए | “ ( ५:१९७ )
१९. एक हिंदू का कम होने का मतलब एक शत्रु का बढ़ना – “ सबसे पुराने इतिहासकार फरिश्ता के अनुसार हमें बताया गया है कि जब सबसे पहले मुसलमान भारत में आये तो यह साठ करोंड़ हिंदू थे और अब केवल बीस करोंड़ है ( यानी चालीस करोंड़ हिंदू मारे गए और धर्मान्तरित किये गए ) | और हिंदू धर्म से एक भी हिंदू का बाहर जाने का मतलब है एक हिंदू का कम होना नहीं है बल्कि एक दुश्मन का बढ़ जाना है” इसके अलावा इस्लाम और ईसाईयत में धर्मान्तरित अधिकांश हिंदू तो तलवार के बल पर धर्मान्तरित हुए है या उनके संताने है |

“ ( ५:२३३ )

२०. मुहम्मदीय विजय को भारत में पीछे हटाना पड़ा – “ मुसलमानों के विजय कि लहर जिसने सारी पृथ्वी को निगल लिया था, उसे भारत के सामने पीछे हटाना पड़ा | “ ( ५:५२८ ) 
२१. हशासिन शब्द ‘असेसिन‘ बन गया – मुसलमानों का ‘ हशासिन ‘ शब्द ‘ असेसिन् ‘ बन गया क्योकि मुहम्मदीय मत का एक पुराना सम्प्रदाय गैर- मुसलमानों को मारने को अपने धर्म का एक अंग मनाता था |” ( ५:४० )
२२. इस्लाम में हिंसा का प्रयोग – “ मुसलमानों ने हिन्द का सबसे अधिक प्रयोग किया | “ ( ७:२१७ )
२३. गैर मुसलमानों को मार दो – “ एक ऐसा रिलीजन भी हो सकता है जो अत्यंत भयंकर शिक्षाये देता हो | उदाहरण के लिए मुसम्मादीय मत ( इस्लाम ) मुसलमानों को उन सबकी हत्या करने कि अनुमति देता है जो कि उसके मतानुयायी नही है | ऐसा कुरान में स्पष्ट लिखा है कि “ अविश्वाशियो ( गैर-मुसलमानों ) को मार दें | यदि वे मुहम्मादीय ( मुसलमान ) नही हो जाते है |” उन्हें अग्नि में झोक देना और तलवार से काट देना चाहिए |”
अब यदि हम किसी मुसलमान से कहे कि ऐसा गलत है तो, वह स्वाभाविक तौर पर फ़ौरन पूछेगा कि “ तुम ऐसा कैसे जानते है ? तुम कैसे जानते ही कि ऐसा ठीक नही है ? मेरी धर्म पुस्तक ( कुरान ) कहती है कि ऐसा ही ठीक है | “ ( १७ नवंबर १८९९ को लन्दन में दिए गए भाषण में , प्रैक्टिकल वेदांत, भाग ३ से )
( समस्त उध्दरण अंग्रेजी के सम्पूर्ण विवेकनन्द वाद्रिमय के हिंदी अनुबाद से है, खंड एवं पृष्ठानुसार )

स्वामी विवेका नन्द के नजर में इस्लाम ( swami Viveka Nand about Islam ) - २



४. गैर मुसलमानों कि हत्या :-

“ कोई आदमी जितना अधिक स्वार्थी होता है वह उतना ही अधिक अनैतिक होता है इसी प्रकार जो जाति केवल अपने ही स्वार्थ में लिप्त रहती है, वह सारे विश्व में सबसे अधिक निर्धायी और सबसे अधिक अत्याचारी होता है | ऐसा कोई रिलीजन नहीं हुआ है जो उपरोक्त द्वेशवद से अधिक चिपका हुआ हो जितना कि अरेबियन के पैगम्बर ( मुहम्मद) द्वारा स्थापित रिलीजन “इस्लाम” और अन्य कोई ऐसा रिलीजन ऐसा नहीं है जिसने इतना खून बहाए और जो एनी लोगो के प्रति इतना अत्याचारी रह हो | कुरान में एक उपदेश है “जो कि मनुष्य इन शिक्षाओ को नही मानता है, उसे मार देना चाहिए, उसे मारना एक दयालुता है “ | इस्लाम में स्वर्ग ( जन्नत), जहां कि अत्यंत सुन्दर ‘हूरें’ और अन्य सभी प्रकार के इन्द्रिय सुखो एवं अमोद – प्रमोद के साधन है, को पाने का सबसे पक्का तरीका “ गैर – मुसलमानों को मार देने के द्वारा है “ जरा इस रक्तपात के बारे में सोचो जो कि इस प्रकार के विश्वासों के परिणामस्वरूप हुए है |”
( १८ नव. १८९६ को लन्दन में दिए गए भाषण से, २०:३५२-५३)


५. एक हाथ में कुरान दूसरे में तलवार :-
“ जरा उन छोटे – छोटे संप्रदायों के बारे में सोचो जो पिछले कुछ सैकड़ो वर्षों से चलायमान मानव मस्तिष्क से उपजे है और वो ईश्वर के समीप अगणित सत्यों के ज्ञान का हेकडबाजी से दावा करते है |
इस मिथ्याभियान् पर जरा ध्यान दीजिए | इससे यही सिद्ध होता है तो यही कि ये लोग कितने अहंकारी है | और इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ऐसे दावे हमेशा झूठे सवित होते है
और ईश्वर के कृपा से ऐसे दावों का सदैव असत्य होना निश्चित है | इस विषय ( इस्लाम ) में मुसलमान सबसे अलग थे |उन्होंने आगे बढ़ाने का प्रतेक कदम तलवार कि धार से आगे बढ़ाया यानी कि एक हाथ में कुरान और दूसरे में तलवार, “ कुरान स्वीकार करो या मौत” इसके अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है “ तुम इतिहाश से जानते हो कि इससे उनकी कितनी आश्चर्यजनक सफलता रही है| छह सौ वर्षों तक उन्हें कोई नहीं रोक सका और इसके बाद एक समय ऐसा आया जब उन्हें चिल्ला कर कहना पड़ा कि रुको | अन्य रिलिजनो के साथ भी ऐसा ही होगा, यदि वे ऐसे ही तरीके अपनाएंगे |
( २८ जन. १९००, पाड्सेना कैलिफोर्निया में दिए गए भाषण से, ‘ १: ६९*७०)


६. सार्वभौमिक भाईचारा सिर्फ मुसलमानों के लिए :
“मुस्लमान विश्व व्यापी चयिचारे कि बात करते है परन्तु वास्तव में इसका मतलब क्या है ? आखिर जोकि मुसलमान नहीं है वह इस सार्वभौमिक भाईचारे में सम्मिलित क्यों नहीं किया जायेगा ? उसके तो गले काटे जाने कि संभावना अधिक है |” ( २:३८०)

७. मुसलमान मूर्तियों कि जगह कब्रों को पूजते है :-
“ मुसलमान प्राय: मूर्तियों कि जगह अपने पीरों और शहीदों कि कब्रों का उपयोग करते है ( यानी पूजते है )|” ( ३: ६१)

८. बालक रूप में ईश्वर :
“ मुसलमान द्वारा ईश्वर को एक बच्चे के रूप में होने के विचार को स्वीकार करना असंभव है | वे इसे मानाने से यह भय्संहित संकोच करेंगे | लेकिन ईसाई और हिंदू इसे आसानी से अनुभव कर सकते है | क्योकि उनके मत में बाल स्वरुप जीसस और बाल रूप श्री कृष्ण कि अवधारण है “| ( ३:९६)

शेष अगले पोस्ट में ....

स्वामी विवेका नन्द के नजर में इस्लाम ( swami Viveka Nand about Islam ) - १

१. मुहम्मद कि शिक्षाओ के कारण लाखो लोग मारे गए  : -  
"यदि तुम कुरान को पढ़ो तो तुम्हे सबसे आश्चर्य सत्य और अंधविश्वास मिले जुले मिलेंगे | तुम इनकी व्याख्या कैसे करोगे ? निःसंदेह वह पुरुष ( पैगम्बर मुहम्मद ) अंत प्रेरित था | लें ऐसा प्रतीत होता है कि वह अंत प्रेरणा मानो उसपर थोपी गयी है | वह कोई एक प्रशिक्षित योगी नहीं था और वह जो कुछ कर रहा था वह उस सबका कर्ण भी नहीं जनता था | सोचो उस भलाई का जो मुहम्मद ने विश्व के लिए कि और उस महान बुराई को भी सोचो जो कि उसकी हठ धर्मिता के कारण कि गयी | जरा सोचो कि उसकी शिक्षाओ कारण लाखो मनुष्यों कि सामूहिक हत्याए हुई, मांओ को अपने बच्चो को मौत के कारण खोना पड़ा, बच्चे अनाथ बनाये गए, अनेक देश सम्पूर्ण नष्ट हो गए, लाखो ही लाखो कि हत्या कि गयी |"
( १ : १८४ )




२. मुसलमानों के कर्मकांड : - 


"प्रतेक मुसलमान जो यह सोचता है कि एक गैर - मुसलमान का प्रतेक कर्मकांड, प्रतेक आराध्य स्वरुप, प्रतेक मूर्ति एवं प्रतेक धार्मिक अनुष्ठान पापपूर्ण है, मगर वह ऐसा नहीं सोचता जब वह अपने ही धर्म स्थल काबा पर आता है इस सन्दर्भ में हर एक धार्मिक मुसलमान को, वह जहा कही भी उपासना करे उसे यह सोचना आवश्यक है कि वह काबा के सामने खडा है ( इसीलिए विश्व के सारे मुसलमान मक्का कि ओर मुह करके नमद पढते है ) | जब वह वहाँ कि यात्रा करे तो उसे धर्म स्थल कि दिवार में लगे " संगे-अस्वद" ( काले पत्थर को चूमना चाहिए | मुसलमानों का विश्वास है कि वे सभी चुम्बनों के निशानो जो कि लाखो ही लाखो मुसलमानों ने उस पवित्र पत्थर पर किये गए " आखिरात" यानि न्याय के दिन पर उस धार्मिक व्यक्ति के कल्याण के लिये उठ खड़े  होंगे | इसके अलावा वहाँ एक जिमजिम का कुआ है | मुसलमानों का विश्वास है कि जो कोई थोडा भी पानी उस कुए से निकालेगा उसके सभी पाप क्षमा कर दिए जायेंगे और 'कियामत' के दिन के बाद उसे एक नया शारीर मिलेगा तहत वह सदैव रहेगा |" ( २: ३९)




३. गैर मुसलमानों को जान से मारो :- 


"मुसलमानों को उन सभी लोगो को जान से मारने कि अनुमति देता है जो कि उसके मत के नहीं है यानि कि गैर - मुसलमान है | कुरान में यह साफ़ लिखा है कि "गैर मुसलमानों कि हत्या करो यदि वे मुसलमान नहीं बन जाते है |" उनको आग में जला देना और तलवार के घात उतार देना चाहिए |" ( २:३३५)


शेष अगले पोस्ट में ......

आतंकवाद का कारण है इस्लाम



जो मुसलमान कहते हैं इस्लाम तो शांति का मजहब है वे यह बताए कि जब सारी दुनिया के मुसलमान इन बातों पर सहमत हैं कि इस्लाम ही एकमात्र सच्चा धर्म है http://www.islamhouse.com/p/289311 तो शांति कैसे आ सकती है ? अब वे यह बात क्यों कहते हैं या तो वे इस्लाम के मूल सिद्धान्त को नहीं जानते या फिर वे हिन्दुऒं को मूर्ख बनाने के लिए एसा कहते हैं । अन्य धर्मावलम्बयों को इस्लाम की शांति समझाने से पहले वे स्वयं आपस में एकमत हो जाएं । भारत के मुसलमानों को इस फतवे का जवाब देना होगा व यदि नहीं देते तो फतवे को ठीक मानकर हिन्दुऒं को जिहाद का जवाब देने के लिए तैयार हो जाना चाहिए । यह फतवा सभी सेक्यूलर कहलाने वाले नेताऒं के मुंह पर तमाचा है । इसे पढ़ने के बाद वे किस मुंह से इस्लाम की तरफदारी करेंगे? हिन्दुओं की मूल समस्या यह है कि वे जैसे स्वयं हैं इस्लाम व ईसाइयत को भी उसी श्रेणी में रखते हैं और इसी कारण वे आज तक इसलाम के हाथों मार खाते रहे हैं । :
उक्त फतवे से यह स्पष्ट हो गया है कि मुसलमान किसी भी देश में अन्य धर्मावलम्बियों के साथ नहीं रह सकते हैं । सऊदी आरब की साइट इस्लाम हाउस में एक फत्वा इसी विषय पर लिया गया है । विषय है

‘‘ क्या अन्य धर्मों की इस्लाम के साथ एकता स्थापित की जा सकती है ।”

इस फतवे को पढ़कर समस्त देशवासी जवाब दें कि क्या इस्लाम व मुसलमानों से कुरआन व शरीयत में एसी खतरनाक बातों के रहते विश्वास किया जा सकता है ? मुसलमान जवाब दें कि इनमें कौन सी बात वे भारत के मदरसों में नहीं पढ़ाते हैं ? क्या उन्होंने कुरआन व हदीस को संशोधित करके पढ़ाना शुरू कर दिया है ?यदि नहीं तो वे हिन्दुऒं के किसी भी प्रतिकार पर शोर मचाना बंद कर दें क्योंकि यह संविधान

सावधान ! भारत का इस्लामीकरण हो रहा है ?


हमरे देश कि राजनीती इतनी गिरे हुए स्तर तक पहुच गयी है कि दुनिया के देशों में सर्च लाईट लेकर भी खोजा जाय तो भी नही मिलेगा | जहाँ पर आम जनता को अपनी अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ने को मजबूर किया जा रहा है, वही दूसरी तरफ देश कि एक बड़ी राजनीतीक पार्टी समाज के एक वर्ग के तुष्टिकरण में लगी हुई है |
·       क्या होगा हमारे देश का ? ये भविष्य के अंधकार में खोया हुआ है ! अगर हम उस भविष्य के अँधेरे में कुछ देखने की कोशिश करते है तो, आज से एक अलग भारतीय समाज की धुधली झलक नजर आ रही है | जहाँ भारत के बहुत से राज्यों का मुस्लिमकरण हो गया है, सरकारी इमारतों पर पाकिस्तानी जैसे झंडे लहरा रहे है | आज के तथाकथित सेक्युलर नेता इस्लाम धर्म अपना कर अपने – अपने हरम में जन्नत का आनंद ले रहे है | और बचे हुए कुछ राज्यों में ये सेक्युलर नेता खून की होली खेलवा रहे है | पकिस्तान जिंदाबाद – पकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा कर जन्नत की सीढियाँ चढ रहे है | आम जनता भी अपनी आत्म सम्मान की रक्षा करने के लिए जान की बाजी लगा रही है | शेष भारत के गलियों मुहल्लो में भोपू बजवा कर आम जनता को सन्देश दे रहे है कि “ हमें भी मुस्लिम बन कर, शेष भारत का इस्लामीकरण कर देना चाहिए | क्योकि अल्लाह बहुत दयालु है |
आखिर कहा खो गयी है हमारे देश कि राजनीति ? हमारे देश के नेता धर्म के नाम पर देश को बाट रहे है| प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कि ही बात लीजिए, इन्हें तो सच्चे, ईमानदार नेता कहते है लोग, मगर ये भी तुष्टिकरण कि राजनीती में लगे पड़े है | इनका ये वाक्य कि “ हमारे देश के संशाधनो पर पहला हक मुसलमानों का है “| मै कहता हूँ कि “क्या हिंदू, सिख, ईसाई, फारसी, जैन, बौद्ध क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खेतों में जाकर घास छिलेंगे और मुसलमान सब संशाधनों का पहले उपयोग करेंगे| अगर मुसलमानों से कुछ संशाधन बचा तो मनमोहन सिंह के कृपा से शेष धर्मों के लोग उपयोग करेंगे| लानत है ऐसे मनमोहन सिंह पर जो कुर्सी के लालच में अपना आत्म सम्मान  तक इटली के राजकुमारी के आगे गिरवी रखा दिया | इसकी तुलना एक निरीह जानवर से भी कि जाय तो कम है जो अपनी आत्म सम्मान के लिए जान कि बाजी तो लगा देता है | मनमोहन सिंह एक सच्चे, ईमानदारी का तमगा लिए है मगर उनके पास आत्म -सम्मान नाम कि कोई चीज ही नही है | अगर जरा भी आत्म सम्मान होता तो ऐसे वाक्य बोलने से पहले सौ बार मर चुके होते, फिर भी ये वाक्य जुबान से बाहर नही निकलती |
एक सच्चे, ईमानदार प्रधानमंत्री कि गैर लोकतांत्रिक बयांन से क्या समझा जाय ? अगर ये वाक्य कांग्रेस का कोई लुच्चा नेता ( दिग्विजय सिंह ) कहा होता तो आम जनता लुच्चे की लुच्चई समझ कर सुन लेती | मगर यह वाक्य हमारे देश के प्रधानमंत्री जी बोले है तो कुछ न कुछ तो सोचना ही पड़ेगा ? कि दाल में काला है कि पूरी दाल ही काली है ?
जरा ध्यान से सोचा जाय तो ! मनमोहन सिंह ने ऐसा वयान क्यों दिया है ? मुस्लिमो को खुश करने के लिए ? अगर मुस्लिम खुश हो जाते है तो क्या होगा ? सच्चाई है कि कांग्रेस का वोट बैंक बढेगा | इससे कांग्रेस को फिर से कुर्सी मिलेगी, कांग्रेस फिर से सत्ता में आजायेगी (?) | अब मनमोहन सिंह (चाहते हुए भी अब प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे ) काश्मीर को मुस्लिम देश बनाने के लिए कहेंगे कि “ कश्मीर के मुसलमानों ने बहुत संघर्ष किये है | ६०००० हिन्दु पंडितो से पाकिस्तान कि सहायता से कश्मीर को खाली करने में बहुत मेहनत किये है, हिंदूओ के खून से कश्मीर कि घाटी को लाल रंगीन बनाया है, कितना मेहनत किया है मुस्लिम बेचारो ने | इन्हें इनकी बहादुरी पर बतौर कश्मीर को इस्लाम देश घोषित कर ही देना चाहिए | ताकि राहुल गाँधी से लेकर गाँधी परिवार के आने वाले वारिसों को कम से कम सात – आठ पुस्तो तक मुसलमानों का वोट मिलता रहे और भारत कि गद्दी पर बिराजमान रहे, जैसे जवाहरलाल नेहरू ने किये थे कश्मीर में धारा ३७० का प्रावधान करके |
शेष अगले पोस्ट में ..........

विश्व में हिन्दू देश एक अथवा दो नहीं वरन १३

जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की परिभाषा को नहीं जानते । इसके लिए सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि हिन्दू की परिभाषा क्या है ।
हिन्दुत्व की जड़ें किसी एक पैगम्बर पर टिकी न होकर सत्य, अहिंसा सहिष्णुता, ब्रह्मचर्य , करूणा पर टिकी हैं । हिन्दू विधि के अनुसार हिन्दू की परिभाषा नकारात्मक है परिभाषा है जो ईसाई मुसलमान व यहूदी नहीं है वे सब हिन्दू है। इसमें आर्यसमाजी, सनातनी, जैन सिख बौद्ध इत्यादि सभी लोग आ जाते हैं । एवं भारतीय मूल के सभी सम्प्रदाय पुर्नजन्म में विश्वास करते हैं और मानते हैं कि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर ही उसे अगला जन्म मिलता है । तुलसीदास जीने लिखा है परहित सरिस धरम नहीं भाई । पर पीड़ा सम नहीं अधमाई । अर्थात दूसरों को दुख देना सबसे बड़ा अधर्म है एवं दूसरों को सुख देना सबसे बड़ा धर्म है । यही हिन्दू की भी परिभाषा है । कोई व्यक्ति किसी भी भगवान को मानते हुए, एवं न मानते हुए हिन्दू बना रह सकता है । हिन्दू की परिभाषा को धर्म से अलग नहीं किया जा सकता । यही कारण है कि भारत में हिन्दू की परिभाषा में सिख बौद्ध जैन आर्यसमाजी सनातनी इत्यादि आते हैं । हिन्दू की संताने यदि इनमें से कोई भी अन्य पंथ अपना भी लेती हैं तो उसमें कोई बुराई नहीं समझी जाती एवं इनमें रोटी बेटी का व्यवहार सामान्य माना जाता है । एवं एक दूसरे के धार्मिक स्थलों को लेकर कोई झगड़ा अथवा द्वेष की भावना नहीं है । सभी पंथ एक दूसरे के पूजा स्थलों पर आदर के साथ जाते हैं । जैसे स्वर्ण मंदिर में सामान्य हिन्दू भी बड़ी संख्या में जाते हैं तो जैन मंदिरों में भी हिन्दुओं को बड़ी आसानी से देखा जा सकता है । जब गुरू तेग बहादुर ने कश्मीरी पंडितो के बलात धर्म परिवर्तन के विरूद्ध अपना बलिदान दिया तो गुरू गोविन्द सिंह ने इसे तिलक व जनेउ के लिए उन्होंने बलिदान दिया इस प्रकार कहा । इसी प्रकार हिन्दुओं ने भगवान बुद्ध को अपना 9वां अवतार मानकर अपना भगवान मान लिया है । एवं भगवान बुद्ध की ध्यान विधि विपश्यना को करने वाले अधिकतम लोग आज हिन्दू ही हैं एवं बुद्ध की शरण लेने के बाद भी अपने अपने घरों में आकर अपने हिन्दू रीतिरिवाजों को मानते हैं । इस प्रकार भारत में फैले हुए पंथों को किसी भी प्रकार से विभक्त नहीं किया जा सकता एवं सभी मिलकर अहिंसा करूणा मैत्री सद्भावना ब्रह्मचर्य को ही पुष्ट करते हैं ।
इसी कारण कोई व्यक्ति चाहे वह राम को माने या कृष्ण को बुद्ध को या महावीर को अथवा गोविन्द सिंह को परंतु यदि अहिंसा, करूणा मैत्री सद्भावना ब्रह्मचर्य, पुर्नजन्म, अस्तेय, सत्य को मानता है तो हिन्दू ही है । इसी कारण जब पूरे विश्व में 13 देश हिन्दू देशों की श्रेणी में आएगें । इनमें वे सब देश है जहाँ बौद्ध पंथ है । भगवान बुद्ध द्वारा अन्य किसी पंथ को नहीं चलाया गया उनके द्वारा कहे गए समस्त साहित्य में कहीं भी बौद्ध शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है । उन्होंने सदैव इस धर्म कहा । भगवान बुद्ध ने किसी भी नए सम्प्रदाय को नहीं चलाया उन्होनें केवल मनुष्य के अंदर श्रेष्ठ गुणों को लाने उन्हें पुष्ट करने के लिए ध्यान की पुरातन विधि विपश्यना दी जो भारत की ध्यान विधियों में से एक है जो उनसे पहले सम्यक सम्बुद्ध भगवान दीपंकर ने भी हजारों वर्ष पूर्व विश्व को दी थी । एवं भगवान दीपंकर से भी पूर्व न जाने कितने सम्यंक सम्बुद्धों द्वारा यही ध्यान की विधि विपश्यना सारे संसार को समय समय पर दी गयी ( एसा स्वयं भगवान बुद्ध द्वारा कहा गया है । भगवान बुद्ध ने कोई नया पंथ नहीं चलाया वरन् उन्होंने मानवीय गुणों को अपने अंदर बढ़ाने के लिए अनार्य से आर्य बनने के लिए ध्यान की विधि विपश्यना दी जिससे करते हुए कोई भी अपने पुराने पंथ को मानते हुए रह सकता है । परंतु विधि के लुप्त होने के बाद विपश्यना करने वाले लोगों के वंशजो ने अपना नया पंथ बना लिया । परतुं यह बात विशेष है कि इस ध्यान की विधि के कारण ही भारतीय संस्कृति का फैलाव विश्व के 21 से भी अधिक देशों में हो गया एवं ११ देशों में बौद्धों की जनसंख्या अधिकता में हैं ।
हिन्दुत्व व बौद्ध मत में समानताएं -
१- दोनों ही कर्म में पूरी तरह विश्वास रखते हैं । दोनों ही मानते हैं कि अपने ही कर्मों के आधार पर मनुष्य को अगला जन्म मिलता है ।
2- दोनों पुर्नजन्म में विश्वास रखते हैं ।
3- दोनों में ही सभी जीवधारियों के प्रति करूणा व अहिंसा के लिए कहा गया है ।
4- दोनों में विभिन्न प्रकार के स्वर्ग व नरक को बताया गया है ।
5- दोनों ही भारतीय हैं भगवान बुद्ध ने भी एक हिन्दू सूर्यवंशी राजा के यहां पर जन्म लिया था इनके वंशज शाक्य कहलाते थे । स्वयं भगवान बुद्ध ने तिपिटक में कहा है कि उनका ही पूर्व जन्म राम के रूप में हुआ था ।
6- दोनों में ही सन्यास को महत्व दिया गया है । सन्यास लेकर साधना करन को वरीयता प्रदान की गयी है ।
7- बुद्ध धर्म में तृष्णा को सभी दुखों का मूल माना है । चार आर्य सत्य माने गए हैं ।
- संसार में दुख है
- दुख का कारण है
- कारण है तृष्णा
- तृष्णा से मुक्ति का उपाय है आर्य अष्टांगिक मार्ग । अर्थात वह मार्ग जो अनार्य को आर्य बना दे ।
इससे हिन्दुओं को भी कोई वैचारिक मतभेद नहीं है ।
8- दोनों में ही मोक्ष ( निर्वाण )को अंतिम लक्ष्य माना गया है एवं मोक्ष प्राप्त करने के लिए पुरूषार्थ करने को श्रेष्ठ माना गया है ।
दोनों ही पंथों का सूक्ष्मता के साथ तुलना करने के पश्चात यह निष्कर्ष बड़ी ही आसानी से निकलता है कि दोनों के मूल में अहिंसा, करूणा, ब्रह्मचर्य एवं सत्य है । दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता । और हिन्दओं का केवल एक देश नहीं बल्कि 13 देश हैं ।
इस प्रकार हम देखते हैं विश्व की कुल जनसंख्या में भारतीय मूल के धर्मों की संख्या 20 प्रतिशत है जो मुस्लिम से केवल एक प्रतिशत कम हैं । एवं हिन्दुओं की कुल जनसंख्या बौद्धों को जोड़कर 130 करोड़ है। है जो मुसलमानों से कुछ ही कम है । व हिन्दुओं के 13 देश थाईलैण्ड, कम्बोडिया म्यांमार, भूटान, श्रीलंका, तिब्बत, लाओस वियतनाम, जापान, मकाउ, ताईवान नेपाल व भारत हैं । इसी कारण जब लोग कहते हैं कि विश्व में केवल एक ही हिन्दू देश है तो यह पूरी तरह गलत है यह बात केवल वे ही कह सकते हैं जो हिन्दू की परिभाषा को नहीं जानते हैं ।